प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर आज 23.22 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई है। उत्तर प्रदेश सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 9.73 करोड़ से अधिक लोग इस भव्य आयोजन में शामिल हो चुके हैं। यह धार्मिक समागम दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजनों में से एक माना जाता है।
त्रिवेणी संगम का धार्मिक महत्व
त्रिवेणी संगम जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियां मिलती हैं, हिंदू धर्म में पवित्र स्थान माना जाता है। मान्यता है कि यहां स्नान करने से पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मकर संक्रांति और अन्य शुभ तिथियों पर संगम में स्नान करना विशेष फलदायक माना गया है। इस धार्मिक मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं।
सरकार की तैयारी और प्रबंधन
मेले के दौरान इतनी बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष प्रबंध किए हैं। सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस और स्वयंसेवक तैनात किए गए हैं। जगह-जगह अस्थायी आश्रय, पेयजल, स्वच्छता और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का उपयोग किया जा रहा है। बुजुर्गों और दिव्यांग लोगों के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं।
श्रद्धालुओं की भावनाएं
इस पवित्र आयोजन में शामिल होने आए भक्तों ने इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बताया। पश्चिम बंगाल से आए एक श्रद्धालु, संजय दास ने कहा, “संगम में स्नान करके मुझे आत्मिक शांति और नई ऊर्जा का अनुभव हो रहा है। यहां की व्यवस्था बहुत अच्छी है।”
अन्य श्रद्धालुओं ने आयोजन की भव्यता और आध्यात्मिक माहौल की सराहना की। लाखों लोग एकजुट होकर अपने धर्म और संस्कृति का उत्सव मना रहे हैं।
रिकॉर्ड संख्या में भागीदारी
अब तक 9.73 करोड़ से अधिक भक्त मेले में शामिल हो चुके हैं। अधिकारियों का अनुमान है कि प्रमुख स्नान तिथियों पर यह संख्या और बढ़ सकती है। यह आयोजन न केवल भारत की आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि प्रयागराज को धार्मिक पर्यटन का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी बनाता है।
आयोजन की महत्ता
यह भव्य मेला भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करता है। जैसे-जैसे मेले का समापन नजदीक आ रहा है, प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुखद अनुभव सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।