ADR ने 28 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के 4092 विधायकों के आंकड़ों का विश्लेषण किया। आंकड़ों से पता चलता है कि उनमें से 54 पर हत्या के आरोप हैं। (एडीआर) ने 28 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों (UT) के विधायकों का विश्लेषण जारी किया है। अपनी रिपोर्ट में ADR ने कहा है कि 4,092 विधायकों में से 1861 (45 प्रतिशत) पर आपराधिक आरोप हैं।
रिपोर्ट के अनुसार
रिपोर्ट के अनुसार, 1,861 विधायकों ने खुद अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 1,205 विधायकों पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, महिलाओं के खिलाफ अपराध और अपहरण से संबंधित मामले शामिल हैं।
ADR की रिपोर्ट में कहा गया है कि 54 विधायकों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा के तहत हत्या का आरोप है, जबकि 226 विधायकों पर आईपीसी की धारा और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा के तहत हत्या के प्रयास का आरोप है।
किस राज्य में आपराधिक मामलों वाले विधायकों का सबसे अधिक है प्रतिशत
विधानसभाओं में विधायकों के प्रतिशत के लिहाज से आंध्र प्रदेश में आपराधिक मामलों वाले विधायकों की सबसे बड़ी सूची है। राज्य के 79 प्रतिशत विधायकों (138) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके बाद केरल में 69 प्रतिशत (92) विधायकों और तेलंगाना में 69 प्रतिशत (82) विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
आपराधिक मामलों वाले विधायकों की अधिक संख्या वाले अन्य राज्य हैं:
बिहार 158 विधायक (66 प्रतिशत)
महाराष्ट्र 187 विधायक (65 प्रतिशत)
तमिलनाडु 132 विधायक (59 प्रतिशत)
आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायक और पार्टी
कांग्रेसः इसके 52 प्रतिशत विधायक (646 में से 339)
भाजपाः इसके 39 प्रतिशत विधायक (1,653 में से 638)
टीडीपीः इसके 86 प्रतिशत विधायक (134 में से 115)
डीएमकेः इसके 74 प्रतिशत विधायक (132 में से 98)
टीएमसीः इसके 41 प्रतिशत विधायक (230 में से 95)
आप : इसके 56 प्रतिशत विधायक (123 में से 69)
सपा : इसके 62 प्रतिशत विधायक (110 में से 68)