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Friday, November 14, 2025

Waqf Amendment Bill: संसद में आज होगी गरमागरम बहस

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आज संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा होने जा रही है, जिसे लेकर सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्ष के बीच तीखी बहस की संभावना है। सरकार ने इस विधेयक पर चर्चा के लिए आठ घंटे का समय निर्धारित किया है, जबकि विपक्ष ने दस घंटे की मांग की है। विपक्ष का आरोप है कि यह विधेयक संविधान के खिलाफ है और मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करता है।

विधेयक के प्रमुख प्रावधान:

वक्फ संशोधन विधेयक में कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं, जो विवाद का कारण बने हैं। सबसे पहले, यह विधेयक वक्फ संपत्तियों और ट्रस्टों को अलग करने का प्रस्ताव करता है। अब से, मुसलमानों द्वारा स्थापित ट्रस्ट वक्फ के दायरे में नहीं आएंगे, जिससे ट्रस्टों पर पूरी तरह से नियंत्रण सुनिश्चित होगा। इसके अलावा, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए एक केंद्रीकृत पोर्टल विकसित किया जाएगा, जो पंजीकरण, ऑडिट और मुकदमेबाजी को स्वचालित करेगा, जिससे दक्षता और पारदर्शिता बढ़ेगी।

विधेयक में यह भी प्रस्तावित किया गया है कि केवल वे मुसलमान जो कम से कम पांच वर्षों से प्रैक्टिसिंग हैं, अपनी संपत्ति वक्फ को समर्पित कर सकेंगे। यह प्रावधान 2013 से पहले के कानून को बहाल करता है। इसके अलावा, विधेयक में महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रावधान हैं, जिससे वे अपनी संपत्तियों का वक्फ समर्पित करने से पहले अपनी उचित विरासत सुनिश्चित कर सकें।

विपक्ष की चिंताएं

विपक्षी दलों का कहना है कि यह विधेयक असंवैधानिक है और मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करता है। उनका आरोप है कि विधेयक में गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्डों में शामिल करने का प्रावधान धार्मिक मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप है। विपक्षी दलों ने यह भी कहा है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के आस्थाओं और अधिकारों के खिलाफ है।

सांसदों की उपस्थिति पर व्हिप

कांग्रेस, राजद और तृणमूल कांग्रेस ने अपने लोकसभा सांसदों को व्हिप जारी किया है, ताकि वे आगामी तीन दिनों तक सदन में उपस्थित रहें और विधेयक के खिलाफ मतदान करें। वहीं, एनडीए के घटक दलों ने अपने सांसदों को विधेयक के समर्थन में वोट करने के लिए व्हिप जारी किया है।

संसद में संख्या बल

लोकसभा में एनडीए के पास 293 सांसद हैं, जो बहुमत से अधिक हैं। इस कारण, विधेयक के संसद में पारित होने की संभावना प्रबल है, हालांकि विपक्षी विरोध इसे चुनौती देने के लिए तैयार हैं।

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