संसद के दोनों सदनों से Waqf Amendment Bill, 2024 पारित हो गया है। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा। इस विधेयक को लेकर देश के कई हिस्सों में मुस्लिम संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किए हैं। विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार पर तीखे आरोप लगाए हैं, वहीं बीजेडी के समर्थन से सियासी हलचल और भी तेज हो गई है।
कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद Jairam Ramesh ने बीजेडी पर बीजेपी का साथ देने का आरोप लगाया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि राज्यसभा में इस विधेयक पर 128 वोट पक्ष में और 95 विपक्ष में पड़े। रमेश के मुताबिक, “अगर बीजेडी आखिरी वक्त पर बीजेपी के दबाव में न आती तो विपक्ष की संख्या और बढ़ सकती थी।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह विधेयक राज्यसभा में सरकार के लिए एक झटका साबित हो सकता था, लेकिन बीजेडी ने ऐन मौके पर अपना रुख बदलकर बीजेपी को राहत दी।
इस आरोप के जवाब में BJD के उपाध्यक्ष Debi Prasad Mishra ने एक विस्तृत बयान जारी किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी ने इस विधेयक पर गहन विचार-विमर्श किया और सांसदों को स्वतंत्रता दी गई कि वे स्थिति का विश्लेषण करें और अपने विवेक से निर्णय लें।
मिश्रा ने बताया कि एक महीने पहले पार्टी विधेयक का विरोध करने के पक्ष में थी, लेकिन बाद में आए कुछ बदलावों और धाराओं को देखकर नई चिंताएं पैदा हुईं। उन्होंने कहा, “पार्टी अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रही है, लेकिन वक्फ बोर्ड में कुछ व्यक्तियों द्वारा सत्ता के दुरुपयोग की आशंकाओं को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी समुदायों के अधिकारों की रक्षा अनिवार्य है। बीजेडी का यह फैसला पूरी तरह विचार-विमर्श और संविधानिक मूल्यों के आधार पर लिया गया है।
इस बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में मुस्लिम संगठनों ने वक्फ संशोधन विधेयक को अल्पसंख्यक संस्थाओं के अधिकारों पर हमला बताया है और इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज कर दिए हैं।
अब सबकी निगाहें राष्ट्रपति की मंजूरी पर टिकी हैं, जिसके बाद यह विधेयक विधिक रूप लेगा।