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Thursday, October 30, 2025

आंखों की रोशनी गई, फिर भी नहीं रुके Manu Garg! माँ का सहारा बना ताकत, UPSC 2025 में रचा इतिहास

आंखों की रोशनी गई, फिर भी नहीं रुके Manu Garg! माँ का सहारा बना ताकत, UPSC 2025 में रचा इतिहास

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23 साल के Manu Garg ने अपनी ज़िंदगी की सबसे बड़ी जंग जीत ली है। आंखों की रोशनी खोने के बावजूद उन्होंने UPSC 2025 परीक्षा पास कर दिखाया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के Hindu College से टॉपर रहे Manu ने साबित कर दिया कि अगर हौसला बुलंद हो, तो कोई भी मुश्किल रास्ता छोटा पड़ जाता है।

8वीं कक्षा में अचानक आंखों की रोशनी चली जाने के बाद जहां कई लोग हार मान लेते, वहीं Manu Garg ने उम्मीद नहीं छोड़ी। उनकी मां हर दिन उनके साथ बैठकर किताबें पढ़तीं, शब्दों को समझातीं और उनका हौसला बढ़ातीं। मां की ममता ने ही Manu को अंधेरे में भी सपनों का रास्ता दिखाया।

स्कूलिंग पूरी करने के बाद Manu Garg ने टेक्नोलॉजी को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाया। ऑडियो बुक्स, स्क्रीन रीडर और मोबाइल के टॉकबैक फीचर ने उन्हें पढ़ाई में सहारा दिया। दोस्तों ने भी उनका साथ निभाया, व्हाट्सऐप पर वॉयस नोट्स भेजकर पढ़ाई आसान बनाई।

Hindu College में राजनीतिक विज्ञान में दूसरी रैंक हासिल करने के साथ-साथ मनु ने 150 से ज्यादा डिबेट प्रतियोगिताएं भी जीतीं। उनकी कामयाबी ने हर किसी को हैरान कर दिया। Covid-19 के दौरान उन्होंने UPSC की तैयारी का बीड़ा उठाया और PhysicsWallah के PWOnlyIAS प्रोग्राम से कोचिंग ली।

रोज़ाना 10-12 घंटे की मेहनत, मां की अनमोल सेवा और दोस्तों का साथ मिलकर Manu Garg के सपनों को हकीकत में बदलने में कामयाब रहा। सबसे खास बात यह रही कि Manu ने कभी अपनी मजबूरी को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया।

आज Manu Garg न सिर्फ अपने गांव, अपने स्कूल, बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए हैं। उन्होंने बता दिया कि सपनों को देखने के लिए आंखों का नहीं, दिल और जज्बे का होना ज़रूरी है।

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