बिहार की एक अदालत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ एक याचिका दायर की गई है, जिसमें पटना में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में राष्ट्रगान का कथित रूप से “अपमान” करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
सीएम नीतीश कुमार की बॉडी लैंग्वेज निंदनीय और दंडनीय थी
याचिकाकर्ता के वकील अमित कुमार ने बताया की, जब अदालत ने राष्ट्रगान का अपमान करने के लिए नीतीश कुमार को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। वकील ने कहा, “20 मार्च को पटना के पाटलिपुत्र स्टेडियम में एक कार्यक्रम में राष्ट्रगान बजाया जा रहा था, जिसके दौरान सीएम नीतीश कुमार की बॉडी लैंग्वेज निंदनीय और दंडनीय थी। न तो वे खुद राष्ट्रगान के लिए खड़े हुए और न ही वे अन्य अधिकारियों को इसका सम्मान करने दे रहे थे।” अधिवक्ता ने कहा, “हमें बचपन से ही राष्ट्रगान का सम्मान करना सिखाया गया है। राष्ट्रगान बजने पर हमें हिलना-डुलना नहीं चाहिए, हरकत नहीं करनी चाहिए या कोई भी गतिविधि नहीं करनी चाहिए। यह राष्ट्रगान और राष्ट्र के प्रति अपमानजनक है। शिकायतकर्ता विकास पासवान हैं, जिन्होंने मामला दर्ज कराया है।
यह बहुत शर्मनाक है कि राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त व्यक्ति राष्ट्रगान का अपमान करता है।” इससे पहले, एक अधिवक्ता ने मुजफ्फरपुर में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पश्चिम) के समक्ष याचिका दायर की और भारतीय संहिता और राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत सीएम कुमार के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग की। अदालत ने मामले की सुनवाई 25 मार्च को तय की थी।
नेता तेजस्वी यादव ने मामले को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया।
इस बीच, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने मामले को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया। “पूरा देश इस बात से चिंतित है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रिय मुख्यमंत्री जी के साथ क्या हुआ, जिन्होंने राष्ट्रगान का अपमान किया। क्या आरएसएस-बीजेपी राष्ट्रगान के इस अपमान का समर्थन कर रहे हैं ?” राजद नेता ने 21 मार्च को एक्स पर पोस्ट किया एक अन्य पोस्ट में राजद नेता ने कहा, ” मुख्यमंत्री जी कम से कम राष्ट्रगान का अपमान तो मत कीजिए। आप हर दिन युवाओं, छात्रों, महिलाओं और बुजुर्गों का अपमान करते हैं। कभी महात्मा गांधी के शहादत पर ताली बजाकर उनकी शहादत का मजाक उड़ाते है तो कभी राष्ट्रगान पर ताली बजाते हैं! पुनश्चः आपको याद दिला दूं कि आप एक बड़े राज्य के मुख्यमंत्री हैं। आप कुछ सेकंड के लिए भी मानसिक और शारीरिक रूप से स्थिर नहीं रहते हैं और आपका इस तरह अचेत अवस्था में इस पद पर होना राज्य के लिए बहुत चिंता की बात है। बिहार का इस तरह बार-बार अपमान मत कीजिए।”