Myanmar में 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के severe earthquake ने हज़ारों जिंदगियों को लील लिया। तबाही के इस मंजर के बीच India ने एक बार फिर ‘First Helper’ बनकर अपनी बहादुरी और मानवता की मिसाल पेश की है। भारतीय राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीम ‘Operation Brahma’ के तहत Myanmar में राहत और बचाव कार्यों की अगुवाई कर रही है।
NDRF के Deputy Commander Kunal Tiwari ने बुधवार को बताया कि उनकी टीम 80 सदस्यों, चार विशेष प्रशिक्षित खोजी कुत्तों और अत्याधुनिक रेस्क्यू उपकरणों के साथ मोर्चे पर डटी हुई है। उन्होंने कहा, “हमारी टीम में सबसे अनुभवी बचाव कर्मी शामिल हैं, जो कठिन से कठिन हालात में काम करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।”

Myanmar का Mandalay City, जो इस devastating earthquake का सबसे बड़ा शिकार बना है, उसे चार हिस्सों – अल्फा, ब्रावो, चार्ली और डेल्टा – में बांटा गया है। Delta region सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जिसे India की जिम्मेदारी में सौंपा गया है। यहां 15 से ज्यादा जगहों पर Indian Team राहत कार्य में जुटी हुई है और अब तक 11 स्थानों पर व्यापक कार्रवाई पूरी की जा चुकी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब से Indian Team आई है, उन्हें राहत की सांस मिली है। एक स्थानीय नागरिक हुसैन ने भावुक होकर कहा, “जब आप (भारतीय) आए, तो हमें लगा कि अब हम अकेले नहीं हैं। आपने हमारी बहुत मदद की है। भगवान India और उसकी सरकार पर हमेशा कृपा बनाए रखे।”
Indian Army भी इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है। सेना ने Myanmar में एक फील्ड अस्पताल स्थापित किया है, जहां अब तक 23 सर्जरी, 1,300 से अधिक लैब टेस्ट और 103 एक्स-रे किए जा चुके हैं। साथ ही, India अब तक 625 मीट्रिक टन से अधिक राहत सामग्री म्यांमार को भेज चुका है।

हालांकि, चुनौतियां अभी भी बरकरार हैं। लगातार आ रहे आफ्टरशॉक्स से बचाव दल को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन NDRF का हर जवान सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के साथ राहत कार्य को अंजाम दे रहा है।
इस terrible tragedy में अब तक Myanmar में 3,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में भारत का यह मानवीय प्रयास दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत बना रहा है। एक Myanmar के बौद्ध भिक्षु ने कहा, “भारत ने हमें अकेला नहीं छोड़ा, हम इसके हमेशा आभारी रहेंगे।”
‘Operation Brahma’ न केवल India की तत्परता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि संकट के समय India हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ खड़ा रहता है।
