Mahakumbh: मकर संक्रांति का पावन पर्व आज श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। यह दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है और इसे हिंदू धर्म में बहुत शुभ माना जाता है। इस अवसर पर लोग पवित्र नदियों और अपने घरों में स्नान, सूर्य उपासना, जप, अनुष्ठान और दान कर रहे हैं। इस बार मकर संक्रांति पर विष्कुंभ योग और पुनर्वसु नक्षत्र का विशेष संयोग बन रहा है, जो इसे और भी शुभ बनाता है।
महाकुंभ का पहला शाही स्नान
इस साल मकर संक्रांति के साथ ही प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। आज कुंभ का पहला शाही स्नान हो रहा है। सभी 13 अखाड़ों के नागा संन्यासी और साधु-संत संगम तट पर पवित्र स्नान कर रहे हैं। लाखों श्रद्धालु भी पुण्य अर्जित करने के लिए गंगा स्नान कर रहे हैं। अगला अमृत स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या और तीसरा स्नान 3 फरवरी को वसंत पंचमी के दिन होगा।
पुण्यकाल का समय और महत्व
ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल के अनुसार, सूर्य आज सुबह 8:55 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही पुण्यकाल शुरू होगा, जो शाम 5:43 तक रहेगा। इस समय स्नान, जप और दान करना बेहद शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दिन तिल, गुड़, खिचड़ी सामग्री, कंबल, गर्म कपड़े और लकड़ी का दान करने से सुख-समृद्धि आती है। सूर्य-शनि दोष से पीड़ित लोगों को सूर्य उपासना और काले तिल का दान करना चाहिए।
खरमास समाप्त, मांगलिक कार्य शुरू
मकर संक्रांति के साथ खरमास समाप्त हो जाएगा और शुभ कार्यों की शुरुआत होगी। 16 जनवरी से विवाह, सगाई, गृह प्रवेश और मुंडन जैसे शुभ कार्य शुरू किए जा सकते हैं।
पौराणिक मान्यताएं
मकर संक्रांति से जुड़ी कई पौराणिक मान्यताएं हैं। इस दिन मां गंगा भगीरथ के पीछे चलकर सागर में जा मिली थीं, इसलिए गंगा स्नान का विशेष महत्व है। महाभारत की कथा के अनुसार, भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिए मकर संक्रांति का दिन चुना था। इस दिन को धर्म और पुण्य के लिए सबसे पवित्र माना जाता है।