उत्तर प्रदेश को “ग्रीन एनर्जी स्टेट” बनाने की दिशा में योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश के हर जिले की सरकारी इमारतों को सौर ऊर्जा से लैस किया जाएगा। यानी अब सरकारी कार्यालयों की छतों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे और इनकी बिजली ज़रूरतें पर्यावरण के अनुकूल सौर ऊर्जा से पूरी होंगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि, “अगर आम लोगों को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित करना है, तो सरकार को इसकी शुरुआत खुद करनी होगी।” इसी सोच के तहत यह महत्वाकांक्षी योजना शुरू की जा रही है।
UPNEDA को सौंपी गई जिम्मेदारी
इस परियोजना की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा अभिकरण (UPNEDA) को दी गई है। UPNEDA द्वारा हर जिले, तहसील और गांव में मौजूद सरकारी इमारतों का सर्वे किया जाएगा ताकि यह तय किया जा सके कि कहां 25 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता के सोलर पैनल लगाए जा सकते हैं। इसके लिए एक विशेष टीम का गठन भी कर लिया गया है।
बिजली बचत के साथ पर्यावरण को भी लाभ
सरकारी भवनों में सोलर पैनल लगने से बिजली खर्च में भारी कटौती होगी। वर्तमान में कई सरकारी कार्यालयों की बिजली की खपत बहुत अधिक है, लेकिन सौर ऊर्जा से न केवल बिजली का खर्च घटेगा बल्कि सरकारी पैसे की बचत भी होगी, जिसे अन्य विकास योजनाओं में लगाया जा सकता है। इसके साथ ही यह कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी सहायक होगा।
बनेगा डिजिटल सोलर मैप
राज्य सरकार की योजना है कि जब सभी जिलों में सोलर पैनल की स्थापना पूरी हो जाए, तो एक डिजिटल सोलर मैप भी तैयार किया जाए। इस मैप में यह जानकारी होगी कि किस जिले में कितने सरकारी भवन सौर ऊर्जा से जुड़े हैं, कितनी बिजली उत्पन्न हो रही है और कितनी बचत हो रही है। यह मैप राज्य के ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में एक मॉडल के रूप में काम करेगा।
पीएसयू से होगा करार, बनेगा एक्शन प्लान
योजना को ज़मीन पर उतारने के लिए यूपीनेडा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSUs) के साथ करार करेगी। हर भवन के लिए व्यवहार्यता रिपोर्टतैयार की जाएगी, जिसके आधार पर विस्तृत एक्शन प्लान बनाया जाएगा। इससे कामों में तेजी आएगी और परियोजना निर्धारित समय पर पूरी हो सकेगी।
योगी सरकार का यह प्रयास, प्रधानमंत्री कुसुम योजना और सोलर रूफटॉप योजना जैसी केंद्र सरकार की पहलों को मजबूती देता है। इस योजना का उद्देश्य है – बिजली बचाओ, पर्यावरण बचाओ और भविष्य सुरक्षित बनाओ।