Bengaluru में अवैध निर्माण और संपत्ति कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए सरकार अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का सहारा लेगी। कर्नाटक के Deputy CM DK Shivakumar ने सोमवार को घोषणा की कि बृहत Bengaluru महानगर पालिका (BBMP) AI तकनीक का इस्तेमाल कर गैर-कानूनी निर्माणों की पहचान करेगी और संपत्ति दस्तावेजों को घर-घर पहुंचाने की सुविधा शुरू करेगी।
शहर में कई संपत्ति मालिकों ने बिना मंजूरी के अतिरिक्त निर्माण कर लिया है और टैक्स देने से बच रहे हैं। AI की मदद से इन अवैध निर्माणों की सही पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार के अनुसार, शहर में करीब 7 लाख संपत्तियां ऐसी हैं जिन पर टैक्स नहीं चुकाया गया है। अब तक केवल 1 लाख संपत्तियों को टैक्स दायरे में लाया गया है और बाकी को जल्द ही जोड़ा जाएगा।
Shivakumar ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जो भी BBMP अधिकारी अवैध निर्माणों को बढ़ावा देते पाए जाएंगे, उन्हें तत्काल निलंबित किया जाएगा। सरकार अब संपत्तियों के digitalization की प्रक्रिया को और तेज करने जा रही है और अप्रैल से ‘खाता’ दस्तावेज़ लोगों के घर तक पहुंचाए जाएंगे।
इसके अलावा, शहर में सड़क किनारे अवैध दुकानों पर रोक लगाने के लिए भी सख्त कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब कोई भी स्ट्रीट वेंडर खुद से दुकानें नहीं बना सकेगा। BBMP इस साल 10,000 नए पुशकार्ट जारी करेगी, जिनमें साइकल, ऑटो, बाइक और पारंपरिक ठेले शामिल होंगे। जिन विक्रेताओं का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा, उन्हें सड़क से हटा दिया जाएगा।
Shivakumar ने यह भी कहा कि BBMP के चुनाव जल्द ही कराए जाएंगे और जैसे ही Greater Bengaluru Governance बिल को राज्यपाल की मंजूरी मिलेगी, चुनावों की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। शहर के विधायकों ने जनता की ओर से कई सुझाव दिए हैं, जिन्हें BBMP के बजट में शामिल किया जाएगा। हालांकि, भाजपा के कई विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए, क्योंकि वे अपने निलंबित साथियों के निलंबन को रद्द कराने की मांग कर रहे थे।
Bengaluru में AI तकनीक के जरिए अवैध निर्माण और टैक्स चोरी पर लगाम लगाने की इस नई पहल को बड़ा बदलाव माना जा रहा है। सरकार की इस सख्ती से शहर की व्यवस्था को सुधारने की उम्मीद जताई जा रही है। अब देखना यह होगा कि यह योजना कितना असर दिखाती है और Bengaluru के विकास में कितना योगदान देती है।