एशिया की पहली Global Hyperloop प्रतियोगिता 2025 के समापन समारोह में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने virtual संबोधन में innovation को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मंत्रालय और शैक्षणिक संस्थान एक साथ काम कर रहे हैं, जिससे भारत तकनीकी प्रगति में नए आयाम छू रहा है।
वैष्णव ने IIT Madras की 5G तकनीक में सफलता की सराहना की और बताया कि भारत दुनिया का सबसे तेज़ 5G रोलआउट कर रहा है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि भारतीय रेलवे और IIT Madras मिलकर वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग व्हीकल तकनीक पर काम करेंगे, जिसके लिए रेलवे मंत्रालय फंडिंग देगा। यह कदम यात्रा के साधनों में आधुनिक बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
समारोह में IIT Madras के 422 मीटर लंबे हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक का वीडियो भी दिखाया गया। वैष्णव ने इसे भारतीय रेलवे और शिक्षा क्षेत्र की साझेदारी का मजबूत उदाहरण बताया, जिससे भारत उन्नत यात्रा तकनीकों को वैश्विक मंच पर बढ़ावा दे सकेगा।
Hyperloop को परिवहन का “पांचवां साधन” कहा जाता है, जो एक उच्च गति वाली प्रणाली है। इसमें vacuum tube के भीतर Electromagnetically Levitating पॉड चलती है, जिससे घर्षण और हवा के अवरोध खत्म हो जाते हैं। यह प्रणाली मौसम से अप्रभावित, टकराव-मुक्त और विमान से दोगुनी गति से चलने में सक्षम हो सकती है, साथ ही कम ऊर्जा खपत के साथ 24 घंटे संचालित हो सकती है।
रेलवे मंत्रालय की सीईओ जय वर्मा सिन्हा ने उद्घाटन सत्र में कहा कि हाइपरलूप से शहरों के बीच यात्रा का समय घटेगा, कनेक्टिविटी बढ़ेगी और आर्थिक अवसरों का विस्तार होगा। उन्होंने सुरक्षा, विश्वसनीयता और पर्यावरणीय प्रभाव को ध्यान में रखते हुए इसे लागू करने की चुनौतियों पर भी जोर दिया।
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