केंद्र सरकार ने defense sector में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए सबसे बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी दी है। शुक्रवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने 156 लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (LCH) की खरीद को मंजूरी दे दी, जिसकी कुल कीमत 62,000 करोड़ रुपये से अधिक होगी। ये हेलिकॉप्टर Hindustan Aeronautics Limited (HAL) द्वारा निर्मित किए जाएंगे और भारतीय सेना व वायुसेना को सौंपे जाएंगे।
HAL के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है। इन 156 हेलिकॉप्टरों में से 90 भारतीय सेना को और 66 भारतीय वायुसेना को मिलेंगे। ये अत्याधुनिक हेलिकॉप्टर चीन और पाकिस्तान सीमा पर तैनात किए जाएंगे, जिससे भारत की सैन्य ताकत और बढ़ेगी। यह सौदा न केवल सेना को मजबूती देगा, बल्कि देश में रक्षा उत्पादन को भी बढ़ावा देगा और हजारों नई नौकरियों के अवसर पैदा करेगा।
LCH, जिसे ‘प्रचंड’ के नाम से भी जाना जाता है, दुनिया का इकलौता लड़ाकू हेलिकॉप्टर है जो 5000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। यह इसे Siachen Glacier और Eastern Ladakh जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में संचालन के लिए आदर्श बनाता है। यह हेलिकॉप्टर Air-to-Air और Air-to-Ground मिसाइलें दागने में सक्षम है और दुश्मन के एयर डिफेंस को नष्ट करने की ताकत रखता है।
सरकार ‘Make In India’ और ‘self-reliant India’ के तहत स्वदेशी रक्षा निर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इससे पहले 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) का ऑर्डर दिया जा चुका है, और 97 और विमानों के लिए बातचीत पूरी हो चुकी है। इसके अलावा, हाल ही में 307 ATAGS होवित्जर तोपों की खरीद को भी मंजूरी दी गई है, जिसका सौदा अगले हफ्ते साइन किया जाएगा।
यह सौदा देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूती देने के साथ-साथ भारत को रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
