नए चीफ Justice BR Gavai ने जैसे ही पद संभाला, President Draupadi Murmu ने सुप्रीम कोर्ट से 14 सवाल पूछकर बड़ा मुद्दा खड़ा कर दिया है। इन सवालों में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सुप्रीम कोर्ट गवर्नर और राष्ट्रपति के लिए बिलों पर फैसला करने की समय सीमा तय कर सकता है?
यह विवाद तब शुरू हुआ, जब सुप्रीम कोर्ट ने Tamil Nadu Governor के मामले में कहा था कि राष्ट्रपति को तीन महीने के अंदर बिल पर फैसला देना चाहिए। लेकिन राष्ट्रपति ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं और कोर्ट से पूछा है कि क्या संविधान में ऐसी कोई समय सीमा है?
राष्ट्रपति ने कोर्ट से यह भी पूछा है कि क्या गवर्नर को मंत्रिपरिषद की सलाह माननी होती है या वह अपने फैसले खुद कर सकता है। साथ ही यह भी पूछा है कि क्या कोर्ट गवर्नर और राष्ट्रपति के फैसलों की जांच कर सकता है या नहीं।
अब चीफ Justice BR Gavai को इस मामले की सुनवाई के लिए पांच या ज्यादा जजों की एक बड़ी बेंच बनानी होगी, जो राष्ट्रपति के सवालों का जवाब देगी। यह मामला India की संविधान व्यवस्था में बहुत अहम है।
पिछले महीने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ‘judicial encroachment’ कहा था। कोर्ट ने Tamil Nadu की विधानसभा के 10 बिलों को बिना सरकार की मंजूरी के मंजूर कर दिया था, जो विवाद का कारण बना।
सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार कहा कि राष्ट्रपति को गवर्नर के रिजर्व किए बिलों पर तीन महीने में फैसला करना चाहिए। इससे पता चलता है कि कोर्ट राष्ट्रपति की शक्तियों पर भी नजर रख सकता है।
अब देखना होगा कि चीफ Justice BR Gavai इस विवाद को कैसे सुलझाते हैं और संविधान के तहत गवर्नर, राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट की सीमाएं क्या होंगी।
यह मामला India की लोकतंत्र और न्यायपालिका की भूमिका पर बड़ा असर डाल सकता है। आने वाले समय में इस पर बहस और फैसले सामने आएंगे।