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Friday, September 26, 2025

राजस्थान में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल: 222 RAS अफसरों के तबादले, कई बड़े पदों पर बदलाव

राजस्थान सरकार ने 222 RAS अफसरों का तबादला किया है। इस फेरबदल में 46 एसडीएम, 21 एडीएम और 9 यूनिवर्सिटीज के रजिस्ट्रार बदले गए। विवादित अफसर पुष्कर मित्तल समेत कई को नई जिम्मेदारी मिली। सरकार का मकसद प्रशासन को और मजबूत बनाना बताया जा रहा है।

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राजस्थान सरकार ने सोमवार को एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। इस फेरबदल में राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के 222 अफसरों के तबादले कर दिए गए। राज्य सरकार द्वारा किया गया यह कदम न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को नई दिशा देने वाला है बल्कि राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी इसकी चर्चा तेज हो गई है। इतने बड़े पैमाने पर तबादलों से यह साफ होता है कि सरकार प्रशासन में नई ऊर्जा और संतुलन लाना चाहती है।

फेरबदल का पैमाना और खास बातें

कुल 222 अफसरों के तबादले किए गए हैं। इनमें 46 एसडीएम, 21 एडीएम, 10 यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार शामिल हैं। इसके अलावा, 23 अफसरों को एपीओ (Awaiting Posting Orders) से हटाकर नई पोस्टिंग दी गई है। राज्य सरकार ने अलग-अलग विभागों में जिम्मेदारियों का नया बंटवारा किया है ताकि कामकाज और पारदर्शी ढंग से हो सके।

मुख्यमंत्री कार्यालय और मंत्रियों के सहयोगी

इस फेरबदल में कुछ अफसरों को सीधे मुख्यमंत्री और मंत्रियों के कार्यालयों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।

  • वाणिज्य कर विभाग के अतिरिक्त आयुक्त मोहन दान रत्नू को मुख्यमंत्री के ओएसडी (Officer on Special Duty) के पद पर लगाया गया है।

  • अशोक कुमार योगी को वन और पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा का विशिष्ट सहायक (SA) बनाया गया है।

विवादों से घिरे अफसरों की भी वापसी

फेरबदल की सूची में वे नाम भी शामिल हैं जो पहले विवादों में रहे हैं। हाईवे घूसकांड में पिंकी मीणा के साथ पकड़े गए पुष्कर मित्तल को भी पोस्टिंग दी गई है। लंबे समय तक निलंबित रहने और बाद में बहाल होने के बाद अब उन्हें झालावाड़ जिले के मनोहरथाना में एसडीएम के पद पर लगाया गया है।

इसी तरह, पंकज ओझा, जो खाद्य सुरक्षा विभाग में छापों की वजह से चर्चा में रहे थे, उन्हें खाद्य सुरक्षा निदेशालय से हटाकर गौ-पालन निदेशक बना दिया गया है।

संयुक्त सचिव स्तर पर बदलाव

जयपुर में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों के विभाग भी बदले गए हैं।

  • दिनेश कुमार जांगिड़ को सहकारिता विभाग से हटाकर पशुपालन विभाग में संयुक्त सचिव बनाया गया है।

  • असलम शेर खान को जल संसाधन विभाग से अल्पसंख्यक मामले विभाग में संयुक्त सचिव बनाया गया है।

  • नरेंद्र कुमार बंसल को कार्मिक विभाग से हटाकर नगर निगम ग्रेटर में अतिरिक्त आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई है।

  • आनंदीलाल वैष्णव को प्रसारण निगम के सचिव से हटाकर गृह विभाग में संयुक्त सचिव बनाया गया है।

यूनिवर्सिटीज में भी बड़ा फेरबदल

राज्य की 9 यूनिवर्सिटीज के रजिस्ट्रार बदले गए हैं।

  • आशु चौधरी को खान विभाग की संयुक्त सचिव से राजस्थान यूनिवर्सिटी का रजिस्ट्रार बनाया गया है।

  • राजपाल सिंह को जिला परिषद कोटा से हटाकर कोटा यूनिवर्सिटी का रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है।

  • कोटा यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार भावना शर्मा को राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी कोटा में रजिस्ट्रार बनाया गया है।

  • डॉ. गुंजन सोनी को जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी, जोधपुर का रजिस्ट्रार बनाया गया है।

  • ममता यादव को बाबा आमटे दिव्यांग यूनिवर्सिटी, जयपुर का रजिस्ट्रार बनाया गया है।

  • कश्मीर कौर रॉन को गोविंद गुरु जनजाति यूनिवर्सिटी, बांसवाड़ा का रजिस्ट्रार बनाया गया है।

  • सावन कुमार चायल को राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान यूनिवर्सिटी, जोबनेर का रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है।

  • पंकज शर्मा को वेटरनरी यूनिवर्सिटी, बीकानेर का रजिस्ट्रार बनाया गया है।

इसके अलावा, एमडीएस यूनिवर्सिटी अजमेर की रजिस्ट्रार प्रिया भार्गव को स्वास्थ्य विभाग में उप सचिव लगाया गया है। मत्स्य यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार लोकेश कुमार मीणा को राजमेश उपनिदेशक बनाया गया है। जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार हरीतिमा को उपायुक्त, सीएडी बीकानेर लगाया गया है। वहीं, वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी, कोटा की रजिस्ट्रार सरिता को जिला आबकारी अधिकारी, कोटा बना दिया गया है।

जयपुर ग्रेटर नगर निगम में बदलाव

जयपुर ग्रेटर नगर निगम में भी जिम्मेदारियों का बड़ा फेरबदल हुआ है।

  • यहां की अतिरिक्त आयुक्त सीमा कुमार को स्थानीय निकाय विभाग में अतिरिक्त निदेशक बना दिया गया है।

  • उनकी जगह नरेंद्र कुमार बंसल को अतिरिक्त आयुक्त बनाया गया है।

विवादित मामलों में शामिल अफसरों की नियुक्ति पर सवाल

पुष्कर मित्तल की नियुक्ति पर चर्चा ज्यादा हो रही है क्योंकि वे पहले एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की कार्रवाई में रिश्वत लेते पकड़े गए थे। उन्हें निलंबित भी किया गया था। अब उन्हें फिर से जिम्मेदारी मिलना कई लोगों के बीच सवाल खड़े कर रहा है। हालांकि सरकार का कहना है कि सभी नियुक्तियां प्रशासनिक जरूरत और कानून के तहत की गई हैं।

सरकार का मकसद और असर

इतने बड़े पैमाने पर हुए फेरबदल से साफ है कि राज्य सरकार आने वाले समय में प्रशासनिक मशीनरी को और तेज व सक्रिय बनाना चाहती है। चुनावी माहौल और नई योजनाओं के क्रियान्वयन के लिहाज से यह जरूरी भी माना जा रहा है। अफसरों की नई नियुक्तियों से सरकार यह संदेश देना चाहती है कि वह प्रशासनिक कामकाज में किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगी।

आरएएस अफसरों की ट्रांसफर लिस्ट देखिए – 

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