नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी 2025 को हुई भगदड़ एक दुखद घटना है, जिसमें 18 लोगों की जान चली गई और 13 लोग घायल हुए। यह घटना एक बार फिर से यह सवाल खड़ा करती है कि क्या रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन उतनी मजबूत है, जितनी कि उसे होनी चाहिए? इस भयावह हादसे के बाद अब समय आ गया है कि मोदी सरकार अपनी जिम्मेदारी को समझे और रेलवे मंत्री से इस्तीफा ले।
मोदी सरकार की जिम्मेदारी
भारत में जब भी कोई बड़ी दुर्घटना होती है, तो सरकार का पहला कर्तव्य यह होता है कि वह प्रभावितों को मुआवजा दे, मामले की गंभीरता से जांच कराए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे। लेकिन इस घटना में जो सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है, वह यह है कि क्या सरकार ने अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाई है?
यह कोई पहली बार नहीं है जब रेलवे के क्षेत्र में ऐसी बड़ी घटनाएं घटित हुई हों। पिछले कुछ सालों में कई बार रेलवे की लापरवाही और सुरक्षा में खामियों का मामला सामने आया है, और ये घटनाएं बिना किसी ठोस सुधार के बढ़ती ही जा रही हैं। इन सभी घटनाओं को देखकर यह साफ हो जाता है कि सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया है।
रेलवे मंत्री का इस्तीफा क्यों जरूरी है?
कांग्रेस ने इस घटना के बाद रेल मंत्री से इस्तीफा देने की मांग की है। कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी और इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा है कि यह हादसा पूरी तरह से रेलवे प्रशासन की लापरवाही का परिणाम है। अगर हम इतिहास को देखें तो भारतीय राजनीति में यह परंपरा रही है कि जब कोई बड़ी दुर्घटना होती है, तो रेल मंत्री नैतिक जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा दे देते हैं।
यह घटना एक गंभीर सुरक्षा चूक का परिणाम है और इसे केवल लापरवाही के रूप में नहीं देखा जा सकता। यदि सरकार रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी से बचना चाहती है, तो यह नागरिकों के प्रति उसके गैरजिम्मेदाराना रवैये को दर्शाता है। रेलवे मंत्रालय की पूरी जिम्मेदारी रेल मंत्री पर है, और इस हादसे के बाद उन्हें नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए।
क्यों जरूरी है सुधार?
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ से यह साफ है कि भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा इंतजामों में भारी खामियां हैं। हजारों की संख्या में यात्री एक ही समय पर स्टेशन पर मौजूद थे, और किसी भी प्रकार के सुरक्षा उपायों का अभाव था। यह घटना यह भी दर्शाती है कि रेलवे प्रशासन के पास यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है।
सरकार को तत्काल एक ठोस योजना बनानी चाहिए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा इंतजामों को मजबूत करना, ट्रेनों के टाइमिंग और यात्री संख्या का सही आंकलन करना, और सुरक्षा कर्मचारियों की संख्या बढ़ाना कुछ ऐसे कदम हैं जिन्हें तत्काल लागू किया जाना चाहिए।