देश की डिजिटल पेमेंट दुनिया में जबरदस्त क्रांति हुई है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI को और फास्ट, स्मूद और भरोसेमंद बनाने के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं। अब पेमेंट फेल, प्रोसेसिंग या पेंडिंग जैसे झंझट भरे मैसेज से यूजर्स को छुटकारा मिलेगा।
हर महीने 13 अरब से ज्यादा ट्रांजैक्शन संभालने वाले UPI सिस्टम को अब और मजबूती मिलेगी। NPCI ने बैंकों और थर्ड पार्टी ऐप्स जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm को सख्त निर्देश दिए हैं कि पेमेंट फेलियर की स्थिति में तेजी से समाधान करें और सर्विस 24×7 चालू रखें।
अब NPCI ने सभी UPI पार्टनर्स को चार ग्रुप में बांटा है। इन ग्रुप्स का आंकलन उनके ट्रांजैक्शन सक्सेस रेट और तकनीकी खराबी के आधार पर होगा। जो बैंक खराब प्रदर्शन करेंगे, उन पर पेनल्टी या अन्य पाबंदियां लगाई जाएंगी। इसका मकसद है कि बैंक अपनी तकनीकी व्यवस्था को मजबूत करें और सर्विस में कोई रुकावट न आए।
सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अगर किसी यूजर का मुख्य बैंक डाउन है, तो UPI सिस्टम खुद-ब-खुद किसी दूसरे ऑनलाइन बैंक से ट्रांजैक्शन को रीरूट कर देगा। इससे यूजर को बार-बार ट्राई करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और पेमेंट फेल का झंझट भी नहीं रहेगा।
Festive season, Sale Time या सैलरी क्रेडिट जैसे हाई ट्रैफिक समय में भी अब UPI पेमेंट्स बिना रुकावट चलेंगे। यह बदलाव न सिर्फ देश में डिजिटल पेमेंट को मजबूत करेंगे, बल्कि भारत के उन अंतरराष्ट्रीय समझौतों की भी तैयारी है जिसमें UPI को सिंगापुर, फ्रांस और UAE जैसे देशों में ले जाया जा रहा है।
NPCI का ये कदम साफ संकेत देता है– अब वक्त है फास्ट, स्मार्ट और बिना गलती के डिजिटल पेमेंट का।