PM Modi ने सोमवार को वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के मौके पर गुजरात के Gir National Park में शेरों का दीदार किया। सफारी वेशभूषा में सजे पीएम मोदी कैमरा लेकर जंगल में घूमते नजर आए और एशियाई शेरों की झलक कैमरे में कैद की। इस खास मौके पर उन्होंने सभी से जीवों के संरक्षण की अपील की।
PM Modi ने कहा, “आज के दिन हमें फिर से यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपनी धरती की जैव विविधता की रक्षा करेंगे। हर प्रजाति का अपना महत्व है और हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए उन्हें बचाए रखना होगा। भारत ने वन्यजीव संरक्षण में अहम योगदान दिया है और हमें इस पर गर्व है।”
गुजरात में इस समय लगभग 30,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 9 जिलों के 53 तालुकों में एशियाई शेर बसे हुए हैं। इन दुर्लभ शेरों को बचाने के लिए राज्य सरकार कई योजनाओं पर काम कर रही है। जूनागढ़ जिले के न्यू पीपलिया में 20.24 हेक्टेयर जमीन पर नेशनल रेफरल सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ बनाया जा रहा है। इसके अलावा सासन में वन्यजीवों की निगरानी के लिए एक हाई-टेक सेंटर और आधुनिक अस्पताल भी स्थापित किया गया है।
गुजरात सरकार ने गिर के शेरों की सुरक्षा के लिए 2024 में 237 बीट गार्ड्स की भर्ती की, जिनमें 162 पुरुष और 75 महिलाएं शामिल हैं। ये गार्ड जंगल की निगरानी कर शेरों के आवास की रक्षा कर रहे हैं। गिर क्षेत्र के विकास और शेरों के संरक्षण में खुद पीएम मोदी की अहम भूमिका रही है। 2007 में गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने गिर जंगल का दौरा किया और वहां की परिस्थितियों को समझकर कई बड़े सुधार किए।
PM Modi ने ‘बृहत गिर’ योजना की शुरुआत की, जिससे गिर नेशनल पार्क की सीमाओं से बाहर के इलाकों तक संरक्षण का दायरा बढ़ाया गया। इस योजना के तहत 30,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को शामिल किया गया, जिसमें बारडा से बोटाद तक के इलाके आते हैं। इससे न केवल शेरों की सुरक्षा बढ़ी, बल्कि स्थानीय समुदायों का भी विकास हुआ।
Gir के जंगलों में पीएम मोदी का यह सफर सिर्फ एक सफारी नहीं था, बल्कि यह उनके वन्यजीवों के प्रति गहरे जुड़ाव और संरक्षण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण था।
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