प्रधानमंत्री मोदी की Uttarakhand यात्रा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारंपरिक मुखवा पहना। प्रधानमंत्री को गंगोत्री मंदिर समिति ने यह परिधान भेजा है। मंदिर में रहने वाले तीर्थपुरोहित भी इसी परिधान पहनकर पूजा करते हैं। यह शुद्ध मान लिया जाता है। गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल कहते हैं कि चपकन बहुत गर्म है। ये कोट की तरह लगता है। इसे मुखवा गांव का सम्मान मानते हैं।
मुखवा में प्रधानमंत्री के स्वागत में ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों ने रासौं नृत्य किया। प्रधानमंत्री मोदी इसे देखकर बहुत खुश हुए। जाड़-किन्नौरी समुदाय ने पहले प्रधानमंत्री के लिए पहाड़ी टोपी और पट्टू के कोट पहना था।
प्रधानमंत्री के लिए पहाड़ी टोपी और दो कोट-पजामा बनाने वाले भेंडी से मंदिर समिति की ओर से भेंट किया जाने वाला चपकन भी भेंडी से ही बनाया जाता है। दोनों ही परिधान भेंड की ऊन से बनाए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को गंगोत्रीधाम के शीतकालीन गद्दीस्थल का उद्घाटन किया, क्योंकि उनका उत्तराखंड से विशेष लगाव था। यहां उन् होंने मां गंगा की पूजा की और हर्षिल में जनसभा को भाषण दिया। यह 13वां प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड दौरा है जो पिछले 23 वर्षों में हुआ है।
उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देहरादून और हर्षिल दौरा बहुत महत्वपूर्ण है। राज्य की सांस्कृतिक विरासत को बचाने और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह यात्रा की गई है। प्रधानमंत्री का ऐसा दौरा राज्य में पर्यटन की संभावनाओं को उजागर करेगा और शीतकालीन पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। इससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और पर्यटन क्षेत्र में एक नया आयाम मिलेगा।
गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वायुसेना के विशेष विमान से देहरादून एयरपोर्ट पहुंचे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री फिर हर्षिल चले गए। हर्षिल, उत्तराखंड के पर्यटन नक्शे पर एक महत्वपूर्ण स्थान है, बहुत सुंदर और शांत है। शीतकालीन पर्यटन को प्रधानमंत्री मोदी का इस स्थान पर दौरा निश्चित रूप से बढ़ावा देगा, जो पर्यटकों को आकर्षित करेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।
राज्य की सांस्कृतिक विरासत को बचाने के प्रयासों को भी यह दौरा मजबूती देगा। भारत की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने पर प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा जोर दिया है, और इस तरह के दौरे से भारत की विशेषताओं और सांस्कृतिक महत्व को वैश्विक स्तर पर दिखाने का अवसर मिलेगा। राज्य के विकास में प्रधानमंत्री का यह दौरा महत्वपूर्ण होगा।