22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए इस ऐतिहासिक अवसर ने न केवल अयोध्या, बल्कि पूरे देश के सनातन अनुयायियों के दिलों में एक गहरी धार्मिक आस्था की भावना पैदा की थी। अब, एक साल बाद, धौलपुर शहर में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस मौके पर शहर में आस्था और श्रद्धा का एक अनोखा सैलाब उमड़ पड़ा है।
धौलपुर शहर की गली-गली और सड़कें भगवान श्रीराम के प्रति आस्था से सज गई हैं। शहर के प्रमुख इलाकों जैसे लाल बाजार, संतरा रोड, हरदेव नगर, स्टेशन रोड, गुलाब बाग चौराहा, और बजरिया पैलेस रोड पर श्रद्धालुओं द्वारा बड़े-बड़े गेट लगाए गए हैं और मंदिरों को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। इन सजावटों में मुख्य रूप से भगवान राम, भगवान शंकर, और हनुमान जी के चित्र और प्रतिमाएं दिखाई दे रही हैं, जो श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक हैं।
धौलपुर के विभिन्न मंदिरों में प्रातः से ही रामचरितमानस और सुंदरकांड के अखंड पाठ हो रहे हैं। इन धार्मिक अनुष्ठानों में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा है, जो भगवान राम के आशीर्वाद के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। हर मंदिर में भक्तजन भजन-कीर्तन भी कर रहे हैं, जिससे वातावरण पूरी तरह से भक्तिमय हो गया है। श्रद्धालु राम नाम कीर्तन करते हुए न केवल मंदिरों में पहुंच रहे हैं, बल्कि घरों में भी पूजा अर्चना कर रहे हैं।
इसके अलावा, कई स्थानों पर भंडारे का आयोजन किया जा रहा है, जहां पर श्रद्धालुओं को मुफ्त में भोजन वितरित किया जा रहा है। यह भंडारे श्रद्धा, समर्पण और सेवा का प्रतीक बन गए हैं। इन आयोजनों में सभी वर्गों और समुदायों के लोग हिस्सा ले रहे हैं, जो एकता और भाईचारे का संदेश देते हैं।
धौलपुर शहर में इस अवसर पर जो आस्था का माहौल बना है, वह केवल धार्मिक उत्सव तक सीमित नहीं है। यह हर घर, हर सड़क, और हर मंदिर में बसी एक गहरी श्रद्धा का प्रतीक है, जो भगवान श्रीराम के प्रति आस्थापूर्वक समर्पित है। श्रद्धालु इस दिन को केवल धार्मिक आयोजन के रूप में नहीं, बल्कि एक आत्मिक अनुभव के रूप में जी रहे हैं।
श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ को लेकर श्रद्धालुओं का उत्साह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। भक्तजन इस दिन को विशेष मानते हुए संकल्प ले रहे हैं कि वे अपने जीवन में भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपनाएंगे और समाज में अच्छाई और धर्म की ओर बढ़ेंगे। यह दिन केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि आत्मिक जागृति का प्रतीक बन गया है।
धौलपुर शहर में इस उत्सव के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी हो रहा है। प्रमुख रूप से रामकथा, रामलीला, और अन्य धार्मिक अनुष्ठान हो रहे हैं। इसके साथ ही, इस दिन को और भी खास बनाने के लिए लोगों ने एक दूसरे के घर जाकर राम भक्तों को सम्मानित किया और मिठाइयां वितरित कीं।
इस अवसर पर पूरे शहर में हर जगह एक सकारात्मक और आनंदमयी वातावरण बना हुआ है। यह आयोजन यह साबित करता है कि केवल एक वर्ष में ही श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा ने समाज में एक गहरी धार्मिक जागृति का संचार किया है। सनातन धर्म के अनुयायी इस दिन को अपनी जीवन यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हुए भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा को और भी प्रगाढ़ कर रहे हैं।
धौलपुर के इस धार्मिक उत्सव ने यह भी दिखा दिया है कि श्रद्धा और भक्ति के द्वारा समाज में एकता, प्रेम और समरसता को बढ़ावा दिया जा सकता है। श्रीराम के आदर्श और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने की प्रेरणा से समाज को नई दिशा मिल रही है।