सोमवार रात शामली में हुए एनकाउंटर के दौरान घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सुनील कुमार को बदमाशों की गोलीबारी में पेट में तीन गोलियां लगी थीं, जिसके बाद उनका ऑपरेशन कर गॉल ब्लैडर और बड़ी आंत का कुछ हिस्सा निकालना पड़ा।
घायल इंस्पेक्टर को पहले करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन हालत बिगड़ने पर उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उनके लिवर को पार कर एक गोली पीठ में अटक गई थी, जिसे निकालना संभव नहीं था। सुनील कुमार 24 घंटे तक ICU में भर्ती रहे, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।
सुनील कुमार को ठोकिया एनकाउंटर में साहस दिखाने के लिए हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर का प्रमोशन मिला था। सोमवार रात हुए एनकाउंटर में उन्होंने कुख्यात कग्गा गैंग के चार बदमाशों को घेरने में बड़ी भूमिका निभाई थी।
यह बदमाश हरियाणा से सहारनपुर की ओर कार में जा रहे थे। पुलिस द्वारा घेरने पर बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें सुनील कुमार घायल हो गए। जवाबी कार्रवाई में STF ने चारों बदमाशों को ढेर कर दिया।
मारे गए बदमाशों में अरशद, मंजीत, और सतीश की पहचान हो चुकी है, जबकि चौथे की पहचान अब तक नहीं हुई है। अरशद पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।
चश्मदीदों के मुताबिक, ये सभी बदमाश कुख्यात कग्गा गैंग के सदस्य थे, जो कभी क्षेत्र में इतना खतरनाक था कि थानों में रात के समय ताले लगा दिए जाते थे।
यह एनकाउंटर STF की अपराधियों के खिलाफ निडर कार्रवाई और बलिदान को एक बार फिर से साबित करता है।
