Uttarakhand के Dehradun में अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ यौन शोषण करने वाले पिता को पांच साल की सजा सुनाई गई है। पीड़िता की बड़ी बहन की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था। विशेष न्यायाधीश पोक्सो POCSO कोर्ट ने आरोपी को दोषी पाते हुए यह सजा सुनाई है। आरोपी पहले भी अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में जेल जा चुका है
Uttarakhand के देहरादून में अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ यौन शोषण करने वाले पिता को POCSO कोर्ट ने दोषी पाते हुए पांच साल की सजा सुनाई
Uttarakhand के Dehradun में अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ यौन शोषण करने वाले पिता को पांच साल की सजा सुनाई गई है। पीड़िता की बड़ी बहन की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था।
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कलयुगी पिता अपनी ही नाबालिग बेटी को डरा-धमकाकर हवस का शिकार बनाता रहा। पीड़िता की बड़ी बहन की शिकायत पर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया। मामले में विशेष न्यायाधीश POCSO कोर्ट अर्चना सागर ने आरोपित को दोषी पाते हुए पांच वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
वर्ष 2022 के जुलाई में रायवाला थाने में एक युवती ने मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें उसने बताया कि उसके सगे पिता ही उसकी 17 वर्षीय छोटी बहन के साथ छेड़छाड़ और लैंगिक हमला कर रहे हैं। इसके अलावा मारपीट और गाली-गलौज भी करते हैं। जिस पर थाने में मुकदमा दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले में पुलिस ने जांच के बाद करीब दो माह के भीतर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया। जिस पर कोर्ट में सुनवाई हुई और दोनों पक्षों की ओर से दलीलें दी गईं। पीड़िता ने मजिस्ट्रेटी बयान में बताया कि उसके पिता सेना से रिटायर्ड हैं। वह दो बहन और एक भाई हैं। पीड़िता दूसरे नंबर की पुत्री है।
बताया कि उनके पिता ने उनकी माता को प्रताड़ित किया, जिस कारण उन्होंने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में उनके मामा की शिकायत पर पिता को गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया। पीड़िता का आरोप है कि उसके पिता जमानत पर जेल से बाहर आए और साथ में ही रहने लगे। उसकी बड़ी बहन कोचिंग लेने के लिए Dehradun में अलग रहने लगी।
इसी दौरान पिता रोज शराब पीकर पीड़िता को पीटता था और गाली-गलौज करता था। पीड़िता रात को अलग कमरे में सोती थी, इस दौरान उसका पिता कमरे में आकर उसके निजी अंगों को छूता और कपड़े उतारने का प्रयास करता। उसके पिता ने कई बार उस पर यौन हमलाकर दुष्कर्म का प्रयास किया। जान से मारने की धमकी देने के कारण पीड़िता ने किसी को कुछ नहीं बताया।
एक दिन पीड़िता की बड़ी बहन घर आई थी और रात को वह पीड़िता के बिस्तर पर सो रही थी, तभी उनके पिता ने कमरे आकर पीड़िता समझकर बड़ी बहन के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। जिसका उसने विरोध किया और छोटी बहन से इस संबंध में पूछा। जिस पर पीड़िता ने पिता की सारी करतूतों की जानकारी दे दी। इसके बाद वह पुलिस की शरण में पहुंचे।
बचाव पक्ष की ओर से आरोपों को नकारा गया और मामा के कहने पर बेटियों के यह आरोप लगाने की बात कही गई। कोर्ट में साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर आरोपित को दोषी पाया गया और सजा सुनाई गई। आरोपित के अर्थदंड अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं, कोर्ट ने सरकार से पीड़िता को एक लाख रुपये दिलाने के निर्देश दिए हैं। मामले में मुकेश धस्माना पैरोकार रहे।
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