अमेरिकी President Donald Trump ने मंगलवार को एक नया कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसमें संघीय चुनावों के लिए कड़े नियम लागू किए गए हैं। इस आदेश के तहत, अब मतदाताओं को वोट देने के लिए अपनी नागरिकता का प्रमाण प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, चुनावी मतपत्रों को चुनाव दिवस तक प्राप्त करना जरूरी होगा।
Trump ने अपने आदेश में कहा कि अमेरिका अपने चुनावों में “आवश्यक सुरक्षा उपायों” को लागू करने में विफल रहा है। उन्होंने India और Brazil का उदाहरण देते हुए कहा कि ये देश अपने वोटर पहचान पत्र को बायोमेट्रिक डेटाबेस से जोड़ रहे हैं, जबकि America अभी भी स्व-प्रमाणन प्रणाली पर निर्भर है।
नए नियमों के तहत, राज्यों को संघीय एजेंसियों के साथ मिलकर मतदाता सूची का सत्यापन करना होगा और चुनावी अपराधों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करनी होगी। यदि कोई राज्य इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसकी संघीय वित्तीय सहायता रोकने की चेतावनी भी दी गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि Trump के इस आदेश को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि America में चुनावी प्रक्रियाओं को निर्धारित करने का अधिकार मुख्य रूप से राज्यों के पास होता है। Trump इससे पहले भी चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाते रहे हैं और 2020 में अपनी हार के बाद बिना किसी ठोस सबूत के चुनावी धांधली का आरोप लगाया था।
इस आदेश के जरिए Trump ने Congress को दरकिनार कर खुद ही कड़े चुनावी नियम लागू कर दिए हैं। हालांकि, नागरिक अधिकार समूहों ने इस फैसले पर चिंता जताई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, America में लगभग 2.1 करोड़ नागरिकों के पास नागरिकता प्रमाण के आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं, जिससे कई लोगों का मताधिकार प्रभावित हो सकता है।
Trump ने संकेत दिया है कि आने वाले हफ्तों में वे चुनाव सुधार से जुड़े और भी फैसले लेंगे। इस आदेश के राजनीतिक और कानूनी प्रभावों पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।