अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को घोषणा की कि वह दक्षिण अफ्रीका को भविष्य में कोई भी वित्तीय सहायता नहीं देंगे। उन्होंने यह बयान दक्षिण अफ्रीका सरकार द्वारा भूमि जब्ती और कुछ वर्गों के लोगों के साथ ‘अत्याचार’ किए जाने को लेकर दिया।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर पोस्ट करते हुए कहा, “दक्षिण अफ्रीका भूमि जब्त कर रहा है और कुछ वर्गों के लोगों के साथ बहुत बुरा व्यवहार कर रहा है। यह एक खतरनाक स्थिति है, जिसे उग्र वामपंथी मीडिया ठीक से उठाने को तैयार नहीं है। यह एक विशाल मानवाधिकार उल्लंघन है, जिसे सभी को देखने का अवसर मिल रहा है। अमेरिका इसे सहन नहीं करेगा, हम कदम उठाएंगे। इसके अलावा, मैं तब तक दक्षिण अफ्रीका को सभी भविष्य की वित्तीय सहायता बंद कर दूंगा, जब तक इस स्थिति की पूरी जांच नहीं हो जाती।”
यह विवाद तब शुरू हुआ जब दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने हाल ही में एक भूमि पुनः वितरण विधेयक पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत सरकार सार्वजनिक हित में भूमि जब्ती के मामलों में ‘कोई मुआवजा’ देने का प्रस्ताव कर रही है। हालांकि, दक्षिण अफ्रीकी सरकार का कहना है कि यह तात्कालिक रूप से भूमि की जब्ती नहीं होगी, और वे भूमि मालिकों से पहले बातचीत करेंगे, जैसा कि समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया।
भूमि पुनः वितरण विधेयक पर विवाद
दक्षिण अफ्रीका का भूमि पुनः वितरण विधेयक, जो अब कानून बन चुका है, के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान इस मुद्दे को और गर्म कर दिया है। ट्रंप का आरोप है कि यह कदम ‘मानवाधिकार उल्लंघन’ के बराबर है। वहीं, दक्षिण अफ्रीकी सरकार का कहना है कि इस विधेयक का उद्देश्य ऐतिहासिक रूप से वंचित समुदायों को भूमि का पुनः वितरण करना है, खासकर उन लोगों को जो नस्लीय भेदभाव के कारण भूमि से वंचित रह गए थे।
राष्ट्रपति रामफोसा ने स्पष्ट किया था कि इस भूमि जब्ती के बाद पहले भूमि मालिकों से वार्ता की जाएगी, और यह कोई मनमानी जब्ती नहीं होगी। हालांकि, ट्रंप के आरोपों के बावजूद, दक्षिण अफ्रीका ने यह आश्वासन दिया है कि उनके देश में किसी भी प्रकार की जब्ती से पहले उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
दक्षिण अफ्रीका के लिए अमेरिकी सहायता
अमेरिकी सरकार ने 2023 में दक्षिण अफ्रीका को 440 मिलियन डॉलर की सहायता का प्रावधान किया था, जैसा कि समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया। ट्रंप ने यह भी कहा कि उनके पहले कार्यकाल के दौरान उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में श्वेत किसानों की कथित हिंसक भूमि जब्ती और हत्याओं की जांच करने का वादा किया था, हालांकि उन आरोपों के समर्थन में कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला।
हालांकि, ट्रंप के बयान के बाद दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति रामफोसा ने कहा कि उन्हें अमेरिकी प्रशासन से अपने देश के संबंधों को लेकर कोई चिंता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने ट्रंप के चुनावी विजय के बाद उनसे बातचीत की थी और उनकी सरकार के साथ काम करने की उम्मीद जताई थी। रामफोसा ने यह भी कहा कि उन्हें दक्षिण अफ्रीका की आगामी जी20 अध्यक्षता को लेकर कोई डर नहीं है, क्योंकि उसके बाद अमेरिका इस मंच पर अपनी अध्यक्षता संभालेगा।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया और आगे की स्थिति
ट्रंप का यह बयान दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका के रिश्तों पर असर डाल सकता है, खासकर उन मामलों में जहां वित्तीय सहायता की आवश्यकता हो। दक्षिण अफ्रीका, जो अफ्रीका महाद्वीप का सबसे विकसित देश है, अमेरिकी सहायता पर निर्भर है, और यदि यह सहायता बंद कर दी जाती है, तो यह आर्थिक संकट का कारण बन सकता है।
दूसरी ओर, राष्ट्रपति रामफोसा ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका का उद्देश्य अपने भूमि पुनः वितरण कार्यक्रम के तहत आर्थिक सुधार लाना है, जो विशेष रूप से पहले से ही भेदभावपूर्ण व्यवस्था से बाहर किए गए समुदायों के लिए लाभकारी हो सकता है। इसके अलावा, सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि यह सभी प्रक्रियाएं न्यायिक रूप से पारदर्शी और संवैधानिक तरीके से की जाएंगी।
ट्रंप की अन्य आर्थिक नीतियां
यह पहला अवसर नहीं है जब ट्रंप ने वैश्विक व्यापार और आर्थिक नीतियों पर कठोर कदम उठाए हैं। शनिवार को, उन्होंने कनाडा और मेक्सिको से आयातित सामान पर 25% शुल्क लगाने का आदेश दिया था और चीन से आयातित माल पर 10% शुल्क बढ़ा दिया था। ट्रंप की ये आर्थिक नीतियां वैश्विक व्यापार व्यवस्था में भारी बदलाव का संकेत देती हैं, और उनका उद्देश्य अमेरिकी उत्पादों को विदेशों से प्रतिस्पर्धा के मुकाबले अधिक लाभप्रद बनाना है।