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Monday, December 15, 2025

दिल्ली विधानसभा चुनाव के बिच छिड़ा सोशल मीडिया पर संग्राम – जानिए

BJP और AAP अब वीडियो के जरिए मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश की, एक-दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप

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दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान AAP और BJP ने चुनाव प्रचार के लिए वीडियो कंटेंट का जमकर इस्तेमाल किया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर छोटी क्लिप्स, भाषणों और वॉइसओवर से लैस वीडियो की बाढ़ आ गई, जिनका मकसद जनता तक अपनी बात पहुंचाना और विरोधी पर निशाना साधना था।

सोमवार को Aam Aadmi Party के नेता Arvind Kejriwal ने घोषणा की कि उनकी पार्टी ने झुग्गी बस्तियों में गुप्त कैमरे और बॉडी कैमरे वितरित किए हैं ताकि चुनावी धांधली और कथित रूप से BJP समर्थकों द्वारा किए गए “गलत कार्यों” को रिकॉर्ड किया जा सके।

वहीं, प्रधानमंत्री Narendra Modi ने अपने भाषण में वीडियो कंटेंट के महत्व को रेखांकित किया और पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे अशोक विहार में केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए गए फ्लैट्स के वीडियो साझा करें। उन्होंने इन वीडियो के जरिए झुग्गीवासियों को यह विश्वास दिलाने की कोशिश की कि वे भी इसी तरह के घर पाने के हकदार हो सकते हैं।

BJP ने चुनाव प्रचार के लिए पुराने फ़िल्मी दृश्यों को एडिट कर इस्तेमाल किया। पार्टी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक वायरल वीडियो में फ़िल्म “जॉली LLB” के एक दृश्य को दिखाया गया, जिसमें अक्षय कुमार का किरदार एक व्यक्ति से पूछताछ करता है। इसमें डब किए गए संवादों के जरिए AAP पर आरोप लगाया गया कि उसने पुजारियों और ग्रंथियों को “वोटों के लिए” पैसे दिए।

AAP ने भी पलटवार करते हुए BJP नेताओं के पुराने वीडियो साझा किए। पार्टी ने अपने प्रतिद्वंद्वी Ramesh Bidhuri, जो कालकाजी से उम्मीदवार हैं, और Parvesh Verma, जो नई दिल्ली से उम्मीदवार हैं, उनके विवादित बयानों और अनुचित व्यवहार को उजागर करने के लिए पुराने वीडियो जारी किए। AAP ने BJP नेताओं पर चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन और Arvind Kejriwal पर हमले की साजिश रचने के भी आरोप लगाए।

BJP ने AAP के पुराने भाषणों के वीडियो निकालकर उन्हें हिंदू विरोधी दिखाने की कोशिश की। एक वायरल वीडियो में Arvind Kejriwal को IITs को मंदिरों से अधिक महत्वपूर्ण बताते हुए दिखाया गया। इसी तरह, AAP नेताओं Sanjay Singh और Manish Sisodia के पुराने वीडियो भी शेयर किए गए, जिनमें वे कथित तौर पर शाहीन बाग़ प्रदर्शन का समर्थन कर रहे थे और हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे थे। BJP ने इन वीडियो के आधार पर AAP को “हिंदू विरोधी” करार दिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इन्हें चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की।

चुनाव के अंतिम चरण में दोनों दलों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए। BJP ने एक स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो जारी किया, जिसमें एक AAP कार्यकर्ता कथित रूप से पैसे स्वीकार करता हुआ नजर आया। आरोप था कि यह रकम दिल्ली के सरकारी स्कूलों में रोबोटिक्स किट्स को शामिल करने के लिए ली गई थी।

वहीं, AAP ने BJP पर मतदाताओं को रिश्वत देने का आरोप लगाया और एक वीडियो जारी किया, जिसमें राजेंद्र नगर विधानसभा के राजीव गांधी कैंप में BJP कार्यकर्ताओं द्वारा कथित रूप से शॉल और नकद बांटे जाने की बात कही गई। वीडियो में यह भी दिखाया गया कि स्थानीय निवासियों ने इन शॉलों को जलाकर BJP के इस कदम का विरोध किया।

दिल्ली चुनाव में डिजिटल प्रचार का स्वरूप पूरी तरह बदल गया। अब पारंपरिक जनसभाओं और पोस्टरों से अधिक वीडियो कंटेंट का प्रभाव देखा गया। AAP और BJP दोनों ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर अपने पक्ष को मजबूत करने और विरोधियों को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की। इस चुनाव में यह साफ हो गया कि वीडियो अब केवल प्रचार का माध्यम नहीं, बल्कि चुनावी रणनीति का सबसे प्रभावी हथियार बन चुका है।

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