19 जनवरी को, वोटो द्वारा चुने गए राष्ट्रपति Donald John Trump और उपराष्ट्रपति J D. Vance ने आर्लिंगटन नेशनल कब्रिस्तान में एक सम्मानजनक पुष्पांजलि अर्पित की, जो उनके आगामी शपथ ग्रहण से कुछ दिन पहले हुआ। यह अवसर न केवल एक परंपरा है, बल्कि यह अमेरिकी सैन्य बलों और उनके बलिदानों के प्रति सम्मान और आभार का एक महत्वपूर्ण प्रतीक भी है। शपथ ग्रहण समारोह से पहले यह समझ अमेरिकी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाने वाला एक परंपरागत कदम है। Trump और Vance ने इस अवसर पर आलिंगन कब्रिस्तान के अज्ञात सैनिकों की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की।
यह स्थल उन सैनिकों की याद में समर्पित है जिनकी पहचान युद्ध में मारे जाने के बाद नहीं हो सकी। यह स्मारक अमेरिकी सैन्य बलों के उन सैनिकों का प्रतीक है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की स्वतंत्रता की रक्षा की। इस भावुक अवसर पर, ट्रंप ने कहा, “ हम आज यहां उन नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए खड़े हैं जिन्होंने हमारे देश की स्वतंत्रता और सम्मान की रक्षा के लिए अपनी जान दी ” । ट्रंप ने आगे कहा कि उनका प्रशासन सैन्य बलों के कल्याण और सुरक्षा की प्राथमिकता बनाए रखेगा, और वह कभी भी अंगिरा सैनिकों के बलिदान को भुलाएंगे नहीं।
उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस, जो खुद एक पूर्व U.S Marine Corps अधिकारी हैं, ने भी इस अवसर पर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “ आज का दिन हमें यह याद दिलाता है की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए दी गई बलिदान की कीमत कभी भी पूरी नहीं की जा सकती। हम उन सभी सैनिकों को भावना और सम्मान के साथ याद रखते हैं जिन्होंने हमें यह स्वतंत्रता दी”।
वांस के शब्दों ने समारोह की गंभीरता को और भी स्पष्ट किया, और यह दर्शाया कि उनका प्रशासन सैन्य सेवा के महत्व को प्राथमिकता देगा। आलिंगन कब्रिस्तान में यह पुष्पांजलि अर्पित करने की परंपरा अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए एक ऐतिहासिक कृत्य है। यह केवल शोकसभा नहीं है, बल्कि यह एक प्रतीक है कि नया प्रशासन अपने सैन्य बलों के प्रति अपनी जिम्मेदारियां को पूरी तरह से निभाएगा।
इस घटना ने ट्रंप और वांस के नजरिए में एक मजबूत और सम्मानजनक अमेरिका की दिशा में कदम बढ़ाने की प्रतिज्ञा को और अधिक स्पष्ट किया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का वादा किया कि अमेरिका के वीर सैनिकों को हमेशा सम्मान और सहायता मिले। आर्लिंगटन नेशनल कब्रिस्तान में यह पुष्पांजलि अर्पित करना उनके नजरिए की शुरुआत से पहले एक मजबूत संदेश था की नए प्रशासन का ध्यान अमेरिकी सैन्य बलों की भलाई और उनके सम्मान पर होगा। यह कदम देशवासियों को यह विश्वास दिलाने के लिए था की आने वाली सरकार सैन्य सुरक्षा, राष्ट्रीय हितों और राष्ट्र की स्थिरता को सुनिश्चित करने में पूरी तरह से संकल्पित रहेगी।