भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर हुए हमले को “गंभीर चिंता का विषय” बताते हुए इसकी निंदा की। उन्होंने यह बयान ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में अपने आधिकारिक दौरे के दौरान दिया, जैसा कि समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने रिपोर्ट किया।
कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमला: एक चिंता का कारण
“कनाडा में हिंदू मंदिर में जो कुछ हुआ, वह स्पष्ट रूप से गंभीर चिंता का विषय है,” जयशंकर ने कहा। विदेश मंत्री का यह बयान तब आया है जब भारत और कनाडा के बीच पहले से ही कई मुद्दों पर तनाव बढ़ा हुआ है। मंदिर पर हमले के बाद भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। यह कदम ब्रिटिश कोलंबिया में जून 2023 में खालिस्तानी समर्थक सिख कट्टरपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में बढ़ते विवाद के कारण उठाया गया था। कनाडा ने इस हत्या में “भारतीय एजेंट्स” का हाथ होने का दावा किया है, जबकि भारत ने इन आरोपों का खंडन किया है।
भारत और कनाडा के बीच बढ़ता तनाव
कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए हमले ने पहले से चल रहे राजनयिक तनाव को और बढ़ा दिया है। हाल ही में भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित किया, जिसमें कनाडा के कार्यवाहक उच्चायुक्त स्टीवर्ट रॉस व्हीलर भी शामिल थे। इस कदम के बाद, दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट और बढ़ गई है, खासकर उस समय जब कनाडा ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट्स के शामिल होने का आरोप लगाया है। भारत ने इन आरोपों को सख्त खारिज किया है।
भारत ने हिंसा की निंदा की
भारत सरकार ने सोमवार को अपने बयान में “कट्टरपंथियों और अलगाववादियों द्वारा की गई हिंसा” की कड़ी निंदा की। विदेश मंत्रालय ने कनाडा सरकार से सभी पूजा स्थलों की उचित सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। यह बयान खासकर कनाडा में हिंदू मंदिरों के खिलाफ बढ़ते हमलों के संदर्भ में आया है, जहां पहले भी धार्मिक स्थलों पर हमले हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी की निंदा
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे “जानबूझकर किया गया हमला” और “कायरतापूर्ण प्रयास” बताया। पीएम मोदी ने कहा, “मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए जानबूझकर हमले की कड़ी निंदा करता हूं। उतना ही निंदनीय हमारे राजनयिकों को डराने के लिए किए गए कायरतापूर्ण प्रयास हैं। ऐसे हिंसक कृत्य कभी भी भारत के संकल्प को कमजोर नहीं करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि कनाडाई सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून का पालन करेगी।” उन्होंने यह बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया।
पहले भी हुए थे मंदिरों पर हमले
यह हमला एकमात्र घटना नहीं है। पिछले साल, कनाडा के विंडसर में एक हिंदू मंदिर को भी अपवित्र किया गया था, जिससे कनाडा और भारत दोनों के अधिकारियों से कार्रवाई की अपील की गई थी। यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि कनाडा में हिंदू मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर हमले एक गंभीर समस्या बन गए हैं, जिसके समाधान के लिए कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
कनाडा सरकार से उचित कार्रवाई की अपील
भारत ने कनाडा से तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की मांग की है ताकि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। यह घटनाएं धार्मिक असहिष्णुता और कट्टरपंथ के बढ़ते प्रभाव को उजागर करती हैं, और सरकारों से उम्मीद की जाती है कि वे अपने नागरिकों के धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करें।
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऐसी हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और वह कनाडाई अधिकारियों से न्याय की उम्मीद करती है। यह स्थिति दोनों देशों के बीच बढ़ते कूटनीतिक विवाद के बीच और जटिल हो गई है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कनाडा इस मामले में क्या कदम उठाता है और वह धार्मिक समुदायों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करता है या नहीं।
कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमला एक ऐसा मुद्दा है जिसने भारत और कनाडा के रिश्तों में और तनाव पैदा कर दिया है। जैसे-जैसे यह मामला बढ़ता जा रहा है, भारत सरकार ने कनाडा से मजबूत प्रतिक्रिया की उम्मीद जताई है। भारत का यह कहना है कि इस तरह की हिंसा न तो उसे कमजोर कर सकती है और न ही यह भारतीय समुदाय के खिलाफ असहमति का संकेत हो सकती है। कनाडा सरकार से उम्मीद है कि वह जल्द से जल्द इस मामले में कार्रवाई करेगी और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।