रमजान के महीने में कश्मीर के गुलमर्ग में आयोजित एक फैशन शो को लेकर व्यापक आलोचना हो रही है. इस पर मीरवाइज़ उमर फारूक ने आपत्ती जताई है. उन्होंने कहा रमज़ान के पवित्र महीने में गुलमर्ग में आयोजित अश्लील फैशन शो पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने इसे “बेहद शर्मनाक” करार दिया और कहा कि शो की वायरल तस्वीरें और वीडियो ने लोगों में गुस्सा और सदमा पैदा किया है. उन्होंने सवाल भी सवाल उठाया कि सूफी संत संस्कृति और गहरी धार्मिक आस्था वाली कश्मीर घाटी में इस तरह के शो को कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है.
कश्मीर के प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट गुलमर्ग में रमजान के पाक महीने के दौरान आयोजित एक फैशन शो ने कश्मीर में जबरदस्त विवाद पैदा कर दिया है. इस फैशन शो में दिखाए गए उत्तेजक कपड़े और प्रदर्शन ने न केवल स्थानीय धार्मिक नेताओं को बल्कि आम जनता को भी हैरान और गुस्से में डाल दिया. इस फैशन शो को लेकर हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और कश्मीर के प्रमुख मौलवी मीरवाइज़ उमर फारूक ने आपत्ती जताई है. उन्होंने इसे “अश्लील” करार दिया है और कहा कि यह कश्मीर के सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदनाओं के खिलाफ है.
मीरवाइज ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस घटना पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि “रमजान के पाक महीने में गुलमर्ग में एक अश्लील फैशन शो आयोजित करना पूरी तरह से अस्वीकार्य है.” उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर की धरती को सूफी संस्कृति और धार्मिक दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है और इस प्रकार की घटनाएं इस संस्कृति का अपमान करती हैं. मीरवाइज़ ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि पर्यटन के नाम पर इस तरह की अश्लीलता को सहन नहीं किया जाएगा.
फैशन शो को लेकर विवाद
गुलमर्ग में आयोजित फैशन शो ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया, जब इस शो से संबंधित तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए. शो में भाग लेने वाले मॉडल्स ने उत्तेजक कपड़े पहने हुए थे, जिनसे न केवल स्थानीय धार्मिक समुदाय बल्कि आम कश्मीरी भी असहज हो गए. शो का उद्देश्य कश्मीर के पर्यटन को बढ़ावा देना था, लेकिन इसके विपरीत यह घटना कश्मीरियों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का कारण बनी.

उमर फारूक ने जताई आपत्ती
मीरवाइज़ उमर फारूक ने सोशल मीडिया पर इस फैशन शो को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने लिखा, “गुलमर्ग में रमजान के महीने में यह अश्लील फैशन शो आयोजित करना शर्मनाक है. इसे कश्मीर की सूफी और संत परंपरा के खिलाफ माना जाना चाहिए.” इसके बाद उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों को सख्ती से रोकने की आवश्यकता है और इसमें शामिल लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
धार्मिक संवेदना आहत
कश्मीर की घाटी में गहरी सांस्कृतिक और धार्मिक जड़ें हैं, और यहां के लोग अपनी धार्मिक परंपराओं को बहुत महत्व देते हैं. रमजान का महीना कश्मीर में बेहद पवित्र माना जाता है, और इस महीने में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन स्थानीय लोगों के लिए अपमानजनक है. शो ने न केवल धार्मिक संवेदनाओं को आहत किया, बल्कि कश्मीर की समृद्ध सूफी संस्कृति को भी चुनौती दी.
मुख्यमंत्री कार्यालय की प्रतिक्रिया
घटना के बाद, कश्मीर के मुख्यमंत्री कार्यालय ने मीरवाइज़ उमर फारूक के पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी और इस घटना को गंभीरता से लिया. मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है और 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.
धार्मिक परंपराओं पर उठा सवाल
कश्मीर का पर्यटन उद्योग विश्वभर में प्रसिद्ध है, लेकिन इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि पर्यटन को बढ़ावा देने और कश्मीर की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को बचाए रखने के बीच संतुलन कैसे बनाया जा सकता है. कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन विवादों का कारण बन सकता है, और इसका कश्मीर की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है.
