इंडसइंड बैंक एक बार फिर सुर्खियों में है। बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सुमंत कथुरी ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, और वह भी तत्काल प्रभाव से। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम के चलते बैंक के शेयरों में मंगलवार को लगभग 3% की गिरावट दर्ज की गई। बाजार विश्लेषकों और निवेशकों के बीच यह खबर चिंता का विषय बन गई है।
सूत्रों के अनुसार, कथुरी के इस्तीफे के पीछे बैंक के भीतर हुई कुछ गंभीर वित्तीय अनियमितताएं जिम्मेदार हैं। बताया जा रहा है कि बैंक के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने डेरिवेटिव ट्रेडिंग से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सूचनाओं को छिपाया था। इसके अलावा नियामकीय संस्थाओं को दी गई जानकारी में भी खामियां थीं, जिससे बैंक की पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल खड़े हो गए हैं।
इंडसइंड बैंक ने इस पूरे मामले पर एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि बैंक ने एक स्वतंत्र फोरेंसिक ऑडिट शुरू किया है, जिससे पता चल सके कि यह अनियमितताएं किस स्तर तक फैली हुई हैं। साथ ही बैंक ने यह भी बताया कि नए CEO की तलाश की प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर दी जाएगी। फिलहाल अंतरिम नेतृत्व की जिम्मेदारी बैंक के मौजूदा बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य संभाल सकते हैं।
इस घटना का बाजार पर भी सीधा असर देखा गया। मंगलवार को इंडसइंड बैंक के शेयरों में करीब 3% की गिरावट आई, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के घटनाक्रम बैंकिंग सेक्टर की साख को नुकसान पहुंचाते हैं और निवेशकों का भरोसा डगमगाता है। कुछ विश्लेषकों ने तो यह तक कहा है कि यदि समय रहते सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में बैंक को और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी इस मामले पर गंभीर नजर बनाए रखी है और उम्मीद है कि बैंक से विस्तृत रिपोर्ट मांगी जाएगी। यह घटनाक्रम पूरे बैंकिंग सेक्टर के लिए एक चेतावनी है कि पारदर्शिता और जवाबदेही से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
इस मामले से यह साफ हो गया है कि बड़े वित्तीय संस्थानों में सतर्कता और मजबूत निगरानी व्यवस्था कितनी जरूरी है, ताकि आम निवेशकों और ग्राहकों का विश्वास बना रहे।