Google के CEO Sundar Pichai ने अपनी ज़िंदगी का वो सच्चा और संघर्ष भरा किस्सा सुनाया, जिसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया। एक पॉडकास्ट में बात करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे उनका बचपन बेहद मुश्किल हालातों में बीता।
Pichai ने कहा कि उनके घर में न तो पानी आता था और न ही फोन था। “हमें पानी ट्रकों से मिलता था। सिर्फ 8 बाल्टी मिलती थी, और मुझे, मेरे भाई और मां को लाइन में लगकर पानी भरना पड़ता था,” उन्होंने कहा।
इतना ही नहीं, मेडिकल रिपोर्ट के लिए अस्पताल जाना एक बड़ा काम था। “ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट लेने दो घंटे का सफर करना पड़ता था। वहां पहुंचने पर जवाब मिलता था – रिपोर्ट तैयार नहीं है, कल आना। फिर अगले दिन फिर दो घंटे लगते थे। जो अब सिर्फ 5 मिनट का काम हो गया है,” उन्होंने कहा।
जब उनके घर में पहली बार रोटरी फोन लगा, तब पड़ोसी भी उनके घर कॉल करने आते थे। Sundar Pichai ने कहा, “उस फोन ने हमारी ज़िंदगी बदल दी।”
उन्होंने बताया कि इन्हीं तकलीफों ने उनके मन में टेक्नोलॉजी के प्रति लगाव जगाया। “बचपन में ही समझ में आ गया था कि तकनीक लोगों की ज़िंदगी बदल सकती है।”
Sundar Pichai ने युवाओं को सलाह दी कि वो वही काम करें जिससे उन्हें सच्चा प्यार हो। “अगर आप अपने काम से प्यार करते हैं, तो आप खुद का बेस्ट वर्जन देख पाएंगे,” उन्होंने कहा।
उनकी कहानी बताती है कि छोटे शहरों से निकलकर भी इंसान बड़े सपने पूरे कर सकता है — बस ज़रूरत है जुनून, मेहनत और सही दिशा की।
