ईरान और इजरायल के बीच छिड़ी जंग अब सिर्फ सरहदों तक सीमित नहीं रही, बल्कि दोनों देशों के खजाने भी इससे हिल चुके हैं। हर दिन की गोलाबारी, मिसाइल हमले और drones की लड़ाई में अरबों रुपये झोंके जा रहे हैं। एक तरफ Israel अपनी रक्षा में दिन-रात फायर कर रहा है, तो दूसरी तरफ Iran जवाबी हमलों से पीछे नहीं हट रहा। लेकिन इस सबका सबसे बड़ा असर दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।
Israel की सरकार के मुताबिक, अब तक युद्ध में इतने हथियार इस्तेमाल हो चुके हैं कि उनका स्टॉक लगभग खाली होने की कगार पर है। रॉकेट्स, मिसाइल, ड्रोन्स और टैंक – सबका खर्च एक-एक करके अरबों डॉलर तक पहुंच चुका है। रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि Israel को इस युद्ध में अब तक करीब 14 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है और हर दिन यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।
सिर्फ हथियारों का ही नहीं, बल्कि बमबारी से तबाह हुए इमारतों, अस्पतालों और सड़कों की मरम्मत में भी अरबों की जरूरत पड़ेगी। Tel Aviv से लेकर Haifa तक कई इलाकों में बिजली, पानी और इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह ठप हो चुकी हैं, जिसे फिर से चालू करने में महीनों लग सकते हैं।
वहीं Iran की हालत भी कुछ अलग नहीं है। लगातार हो रहे हमलों के चलते उसकी petroleum refineries, military base और infrastructure को बड़ा झटका लगा है। अनुमान है कि Iran को भी अब तक 10 अरब डॉलर से ज्यादा का सीधा नुकसान हो चुका है।
एक वरिष्ठ मिलिट्री अफसर ने बताया, “हम दुश्मन से तो लड़ रहे हैं, लेकिन असली लड़ाई तो अब अपने देश को दोबारा खड़ा करने की होगी।” इस जंग की आग ने सिर्फ बॉर्डर नहीं जलाए, बल्कि इकोनॉमी के ताने-बाने भी भस्म कर दिए हैं।
अब सवाल ये है कि क्या यह जंग किसी हल की तरफ बढ़ेगी या दोनों देश यूं ही अरबों रुपये जंग में स्वाहा करते रहेंगे?
