चीन के लोकप्रिय सोशल मीडिया ऐप TikTok को लेकर अमेरिका में जारी बैन को आखिरकार हटा लिया गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार (25 सितंबर, 2025) को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए इस बात की घोषणा की कि TikTok अब अमेरिका में फिर से पूरी तरह से काम कर सकेगा।
यह निर्णय एक लंबे विवाद और राजनैतिक टकराव के बाद आया है, जिसमें डेटा सुरक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा, और चीन-अमेरिका के बीच संबंधों को लेकर कई सवाल उठते रहे हैं। लेकिन अब ट्रंप प्रशासन ने एक समझौते (डील) को अंतिम रूप देते हुए टिक टॉक को अमेरिका में दोबारा चालू करने की मंजूरी दे दी है।
बैन क्यों लगाया गया था?
पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन ने पिछले साल एक कानून पर हस्ताक्षर किया था, जिसके तहत चीन की टेक्नोलॉजी कंपनी बाइटडांस (ByteDance) को अपने अमेरिकी टिक टॉक ऑपरेशंस किसी अमेरिकी कंपनी को बेचने या TikTok पर देशव्यापी प्रतिबंध का सामना करने के लिए कहा गया था।
बाइडेन प्रशासन की चिंता थी कि चीन सरकार अमेरिकी उपयोगकर्ताओं का डेटा एक्सेस कर सकती है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इसके चलते टिक टॉक को अमेरिका में बंद करने या इसे किसी अमेरिकी कंपनी को सौंपने का दबाव डाला गया था।
ट्रंप ने क्यों हटाया बैन?
राष्ट्रपति ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए कहा:
“मैंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अच्छी बातचीत की, उनके लिए बहुत सम्मान है। उन्होंने हमें हरी झंडी दी। TikTok अब अमेरिकी कंपनियों द्वारा चलाया जाएगा।”
ट्रंप के मुताबिक, यह डील इसलिए की गई क्योंकि अमेरिकी युवा इस ऐप को फिर से उपयोग में लाना चाहते थे, लेकिन साथ ही डेटा सुरक्षा और नियंत्रण को लेकर भी कड़े कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब यह प्लेटफॉर्म अमेरिकी निवेशकों द्वारा संचालित किया जाएगा, जिससे डेटा अमेरिका में ही रहेगा और उस पर चीन का कोई नियंत्रण नहीं होगा।
कौन चला रहा है अब TikTok?
नई डील के अनुसार, TikTok की अमेरिकी इकाई की अधिकांश हिस्सेदारी अब अमेरिकी निवेशकों के पास रहेगी। इसमें प्रमुख रूप से दो कंपनियों का नाम सामने आया है:
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ओरेकल (Oracle)
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सिल्वर लेक (Silver Lake)
ये दोनों कंपनियां मिलकर अमेरिका में TikTok के संचालन की जिम्मेदारी संभालेंगी। ByteDance अब TikTok की 20% से भी कम हिस्सेदारीरखेगा, और इसका बोर्ड में केवल एक प्रतिनिधि होगा, जो किसी भी सुरक्षा या नीति निर्माण समिति का हिस्सा नहीं होगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्या बोले उपराष्ट्रपति?
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा:
“हम TikTok को चालू रखना चाहते थे, लेकिन साथ ही सुरक्षा संबंधी चिंताओं का समाधान भी ज़रूरी था। इस डील से अब अमेरिकी TikTok का इस्तेमाल और भी आत्मविश्वास के साथ कर सकेंगे।”
उनका यह बयान यह संकेत देता है कि ट्रंप प्रशासन ने तकनीकी और रणनीतिक संतुलन बनाकर TikTok को देश में फिर से चालू करने की कोशिश की है।
चीन और अमेरिका के बीच नरमी के संकेत?
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इस डील के जरिए चीन और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों में कुछ नरमी आ सकती है। ऐसा भी माना जा रहा है कि यह निर्णय ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच संभावित बैठक का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
अन्य विशेषज्ञों के मुताबिक, अमेरिका ने TikTok को चालू रखने के लिए सख्त शर्तें लागू कर यह सुनिश्चित किया है कि डेटा पर पूर्ण नियंत्रण अमेरिकी कंपनियों के पास रहे।
क्या यह चुनावी रणनीति भी हो सकती है?
राजनीतिक विश्लेषक यह भी देख रहे हैं कि यह फैसला 2026 के अमेरिकी मिडटर्म इलेक्शन को ध्यान में रखते हुए लिया गया हो सकता है। अमेरिका में TikTok विशेषकर युवा मतदाताओं के बीच काफी लोकप्रिय है। ट्रंप का यह फैसला उन युवाओं को आकर्षित कर सकता है जो सोशल मीडिया के बड़े उपयोगकर्ता हैं।
