राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में अब सियासी पारा चढ़ने लगा है। कांग्रेस पार्टी ने इस सीट को जीतने के लिए पूरा दमखम झोंक दिया है। पार्टी ने अपने शीर्ष नेताओं से लेकर जमीनी कार्यकर्ताओं तक को सक्रिय कर दिया है। शुक्रवार को कांग्रेस ने 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और मंत्री टीकाराम जूली जैसे बड़े चेहरे शामिल हैं।
कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने अंता सीट को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है क्योंकि यह सीट पिछले कुछ समय से राजनीतिक तौर पर चर्चा में रही है। पार्टी चाहती है कि लोकसभा से पहले होने वाले इस उपचुनाव में जीत हासिल कर पूरे राज्य में एक सकारात्मक संदेश भेजा जाए।
कांग्रेस की रणनीति और बड़े नाम
कांग्रेस की स्टार प्रचारक सूची में गहलोत-पायलट के अलावा डॉ. सी.पी. जोशी, अशोक चंदना, जितेन्द्र सिंह, हरीश चौधरी, मोहन प्रकाश, दिव्या मदेरणा, शांति धारिवाल, रामलाल जाट, अर्जुन सिंह बामणिया, मुरारी लाल मीणा, भजन लाल जाटव और उम्मेदा राम बेनीवाल जैसे कई नेता शामिल हैं। पार्टी की योजना है कि ये सभी नेता अलग-अलग क्षेत्रों में चुनावी सभाएं कर स्थानीय मतदाताओं से सीधा संपर्क बनाएं।
अंता सीट पर कांग्रेस ने प्रमोद जैन भाया को उम्मीदवार बनाया है। दिलचस्प बात यह है कि शनिवार को उनकी पत्नी उर्मिला जैन ने भी कांग्रेस के वैकल्पिक प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया है — जिससे राजनीति में नई हलचल पैदा हो गई है।

उपचुनाव की तारीख और पृष्ठभूमि
चुनाव आयोग ने अंता सीट के लिए मतदान की तारीख 11 नवंबर तय की है, जबकि नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। यह सीट भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द होने के कारण खाली हुई थी। उनके खिलाफ साल 2005 के एक पुराने मामले में सजा सुनाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई थी। आरोप था कि उस समय उपसरपंच चुनाव के दौरान उन्होंने एसडीएम पर पिस्तौल तान दी थी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था।
त्रिकोणीय मुकाबले के आसार
अंता उपचुनाव में मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है। कांग्रेस से प्रमोद जैन भाया उम्मीदवार हैं, वहीं भाजपा ने मोरपाल सुमन को मैदान में उतारा है। इसके अलावा नरेश मीणा निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोक रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुकाबला त्रिकोणीय होगा और अंतिम क्षणों तक जातिगत समीकरण निर्णायक साबित होंगे।
जातिगत गणित और समीकरण
अंता विधानसभा क्षेत्र में कुल 2.25 लाख मतदाता हैं, जिनका समाजिक ढांचा बेहद विविध है। यहां लगभग 40 हजार मतदाता माली समाज से, 35 हजार अनुसूचित जाति से और करीब 30 हजार मतदाता मीणा समुदाय से आते हैं। इन तीनों वर्गों की भूमिका इस चुनाव में निर्णायक मानी जा रही है।
इसके अलावा धाकड़, ब्राह्मण, बनिया और राजपूत समाज के मतदाताओं की संख्या भी कम नहीं है। भाजपा मीणा समाज और शहरी मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रही है, जबकि कांग्रेस माली और दलित समुदाय में अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है।
चुनावी माहौल गर्म
दोनों पार्टियों ने अपने-अपने चुनाव प्रचार दल सक्रिय कर दिए हैं। एक ओर कांग्रेस के नेता मैदान में उतर चुके हैं, वहीं भाजपा भी अमित शाह और राज्य नेतृत्व के दम पर व्यापक जनसभाओं की तैयारी कर रही है। अंता का यह उपचुनाव न सिर्फ एक सीट की जंग है, बल्कि यह राजस्थान की आगामी राजनीति की दिशा तय कर सकता है।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए जीत से ज्यादा प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। ऐसे में आने वाले दिनों में अंता राजस्थान की सियासत का केंद्र बनने जा रहा है।
