रावलपिंडी की उच्च-सुरक्षा वाली आडियाला जेल के बाहर मंगलवार देर रात उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई, जब पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बहनों और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं के धरने को हटाने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का प्रयोग किया। इस दौरान कई पीटीआई कार्यकर्ता घायल हो गए। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई, जब इमरान खान की बहनों को उनसे मिलने से रोक दिया गया था, जबकि इस्लामाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार उन्हें हर सप्ताह मुलाकात की अनुमति है।
इमरान खान की बहनें नूरीन खानम नियाज़ी, अलीमा खानम और डॉ. उज्मा खानम मंगलवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे जेल पहुंची थीं। हालांकि, उन्हें गोरखपुर चौक के पास लगाए गए बैरिकेड पर ही रोक दिया गया। पुलिस ने जेल के चारों ओर भारी सुरक्षा व्यवस्था तैनात कर दी थी और पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया, ताकि पीटीआई समर्थक बड़ी संख्या में वहां एकत्र न हो सकें। बहनों को रोके जाने के बाद समर्थकों के साथ वे वहीं धरने पर बैठ गईं।
धरना करीब 11 घंटे तक चला। इस दौरान तापमान लगभग 9 डिग्री सेल्सियस बताया गया। देर रात करीब 2:20 बजे पुलिस ने अचानक कार्रवाई करते हुए इलाके की बिजली काट दी और वाटर कैनन से पानी की बौछार कर प्रदर्शनकारियों को हटाना शुरू कर दिया। पार्टी नेताओं का दावा है कि इस कार्रवाई में कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं और उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
गौरतलब है कि इमरान खान वर्ष 2023 से आडियाला जेल में बंद हैं। पहले उन्हें हर सप्ताह अपनी बहनों से मिलने की अनुमति मिलती थी और उन्हीं के माध्यम से उनके राजनीतिक संदेश सार्वजनिक होते थे। हाल के महीनों में यह मुलाकातें कई बार रोकी गईं। 12 नवंबर से 3 दिसंबर तक बहनों को इमरान खान से मिलने नहीं दिया गया था। बाद में अंतरराष्ट्रीय मीडिया में उनकी सेहत को लेकर सवाल उठने के बाद 4 दिसंबर को सिर्फ एक बहन डॉ. उज्मा खानम को मिलने की अनुमति दी गई थी।
सरकार के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने बाद में यह कहते हुए मुलाकात पर फिर से रोक लगाए जाने का बचाव किया कि जेल नियमों के तहत कैदियों द्वारा राजनीतिक बयान जारी करना प्रतिबंधित है और बहनों ने इन नियमों का उल्लंघन किया है। हालांकि, पीटीआई नेताओं का आरोप है कि मुलाकात रोकने के पीछे असली वजह इमरान खान द्वारा सेना नेतृत्व पर की गई तीखी टिप्पणियां हैं।
इस बीच, हाल ही में पाकिस्तान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (PIMS) के डॉक्टरों की एक टीम ने आडियाला जेल जाकर इमरान खान के कुछ चिकित्सकीय परीक्षण किए। हालांकि, उनकी स्वास्थ्य स्थिति से जुड़ी विस्तृत जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है। इमरान खान की बहन अलीमा खानम ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अन्य राजनीतिक नेताओं को जेल में बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं मिलीं, जबकि उनके भाई को अपने निजी डॉक्टर से मिलने तक नहीं दिया जा रहा।
आडियाला जेल के बाहर हुई इस पूरी घटना ने पाकिस्तान में मानवाधिकार, न्यायिक आदेशों के पालन और राजनीतिक असहमति को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
