केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में देश की सड़क, रेल और जलमार्ग जैसी इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं में हुए अभूतपूर्व बदलावों ने पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। स्वतंत्रता के बाद कई दशकों तक यह विकास धीमी गति से चला, लेकिन 2014 के बाद त्वरित निवेश और सुधारों ने अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया। शुक्रवार को अपने नई दिल्ली स्थित आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में मंत्री शेखावत ने पर्यटन क्षेत्र के विस्तार पर विस्तार से चर्चा की।
मंत्री ने बताया कि बीते दशक में सड़क नेटवर्क का विस्तार, हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर और जलमार्गों का विकास हुआ है, जिससे पर्यटकों की पहुंच दूरस्थ क्षेत्रों तक आसान हो गई। उदाहरण के तौर पर, उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों और अंडमान-निकोबार जैसे क्षेत्रों का जिक्र किया जहां इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारों से पर्यटन में उछाल आया है। शेखावत ने कहा कि ये बदलाव न केवल पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय रोजगार और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
प्रेस वार्ता में मंत्री ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 2014 से पहले पर्यटन क्षेत्र की विकास दर औसतन 5-6 प्रतिशत थी, जो अब 10-12 प्रतिशत तक पहुंच गई है। उन्होंने हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण, होटल इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल बुकिंग सिस्टम पर जोर दिया। शेखावत ने कहा कि ‘स्वदेश दर्शन’ और ‘प्रसाद’ जैसी योजनाओं ने धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को प्रोत्साहित किया है। इसके अलावा, इको-टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां लागू की गई हैं।
मंत्री ने पर्यटन को अर्थव्यवस्था का प्रमुख इंजन बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से करोड़ों लोगों को रोजगार दे रहा है। उन्होंने राज्यों से अपील की कि वे केंद्र की योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाएं। शेखावत ने भविष्य की योजनाओं में सस्टेनेबल टूरिज्म और डिजिटल मार्केटिंग पर फोकस का उल्लेख किया। विशेषज्ञों का मानना है कि ये सुधार भारत को वैश्विक पर्यटन हब बनाने में मील का पत्थर साबित होंगे।
यह बयान ऐसे समय आया है जब वैश्विक पर्यटन उद्योग कोविड के बाद रिकवरी कर रहा है। मंत्री के अनुसार, भारत में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। सरकार का लक्ष्य 2025 तक पर्यटन से 2.5 लाख करोड़ रुपये की आय सुनिश्चित करना है। शेखावत ने उद्योग प्रतिनिधियों से निवेश बढ़ाने का आह्वान किया ताकि पर्यटन क्षेत्र आत्मनिर्भर बने।
