गाजा पट्टी में चल रहे 15 महीने लंबे संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, हमास ने दर्जनों बंधकों की रिहाई और युद्धविराम के मसौदे पर सहमति जताई है। इस समझौते की पुष्टि वार्ता में शामिल अधिकारियों ने की है। यह मसौदा मिस्र, कतर और अमेरिका के प्रयासों से तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य गाजा में जारी मानवीय संकट को कम करना और हिंसा को समाप्त करना है।
समझौते की स्थिति और अंतिम चरण
एसोसिएटेड प्रेस द्वारा प्राप्त इस मसौदे की प्रामाणिकता को एक मिस्री अधिकारी और हमास के प्रतिनिधि ने सत्यापित किया है। हालांकि, समझौते को इजरायली कैबिनेट की अंतिम स्वीकृति की आवश्यकता होगी। इजरायल के एक अधिकारी ने स्वीकार किया कि वार्ता में प्रगति हुई है, लेकिन इसे अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।
इस वार्ता में तेजी हाल के दिनों में देखी गई है, विशेषकर 20 जनवरी को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण से पहले। ट्रम्प के मध्य-पूर्व विशेष दूत ने भी इस वार्ता में हिस्सा लिया है। कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने इसे अब तक का सबसे सकारात्मक और परिणामोन्मुखी प्रयास बताया है।

बंधकों की स्थिति और मानवीय संकट
हमास के साथ इस समझौते का मुख्य उद्देश्य उन लगभग 100 इजरायली नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करना है, जिन्हें 7 अक्टूबर, 2023, के हमले के दौरान गाजा में बंदी बना लिया गया था। इजरायली सेना के अनुसार, इनमें से कम से कम एक तिहाई बंधक अब जीवित नहीं हो सकते हैं।
इस संघर्ष ने गाजा को मलबे में बदल दिया है। 2.3 मिलियन आबादी में से लगभग 90% लोग विस्थापित हो चुके हैं। सैकड़ों हजार लोग तटीय क्षेत्र में बने भीड़भाड़ वाले टेंट कैंपों में बेहद खराब हालात में जीवन गुजार रहे हैं, जहां भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी है।
समझौते को लेकर बढ़ता आशावाद
हमास ने बयान जारी कर संकेत दिया है कि यह वार्ता अपने “अंतिम चरण” में पहुंच चुकी है। यदि यह मसौदा सफलतापूर्वक लागू होता है, तो यह गाजा में हो रहे मानवीय संकट को कम करने और क्षेत्र में स्थिरता लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हो सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस प्रक्रिया पर करीबी नजर रखे हुए है, इस उम्मीद के साथ कि यह समझौता न केवल मौजूदा हिंसा को समाप्त करेगा बल्कि गाजा में दीर्घकालिक शांति की नींव भी रखेगा।