जयपुर की सड़कों पर गुरुवार रात (25 सितंबर) को नरेश मीणा के समर्थकों ने एक भव्य मशाल जुलूस निकाला। यह प्रदर्शन उनकी 14 दिनों से चल रही आमरण अनशन के समर्थन में था। नरेश मीणा का यह अनशन झालावाड़ के पीपलोदी स्कूल हादसे में मृतक बच्चों के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर जारी है।
जुलूस में शामिल हुए कई नेता और समाज के लोग
जुलूस में नरेश मीणा के बेटे अनिरुद्ध मीणा, पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा सहित अन्य कई लोग शामिल हुए। जुलूस त्रिवेणी नगर चौराहा से शुरू होकर गुर्जर की थड़ी तक गया। सर्व समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में इस आंदोलन को समर्थन दिया।
समर्थकों ने दोषियों को सजा और मुआवजे की मांग की
नरेश मीणा के समर्थकों ने कहा कि पीपलोदी स्कूल हादसा सरकारी सिस्टम की अनदेखी का परिणाम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हादसे में मृत बच्चों के परिवारों को उचित मुआवजा और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। साथ ही, प्रदेश के सभी स्कूलों के निर्माण और सुरक्षा मानकों की पूरी जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।
नरेश मीणा के अनशन का कारण और वर्तमान स्थिति
नरेश मीणा ने पीपलोदी हादसे के पीड़ित परिवारों को 50 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर मौन व्रत शुरू किया था। अनशन के कुछ दिनों बाद उनकी तबियत खराब हो गई, जिसके बाद उन्हें जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके समर्थन में निकाले गए इस मशाल जुलूस का मकसद सरकार और प्रशासन पर दबाव बढ़ाना है ताकि उनकी मांगें जल्द पूरी हों।
शिक्षा सुरक्षा पर उठ रहा सवाल
इस हादसे ने प्रदेश में स्कूलों की सुरक्षा और निर्माण मानकों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों और आम जनता दोनों की यह मांग है कि राज्य सरकार स्कूलों की सुरक्षा को लेकर तत्काल कदम उठाए और किसी भी तरह की लापरवाही को रोकने के लिए सख्त नियम लागू करें।