दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी में एक नई चिंताजनक स्थिति उत्पन्न हो गई है। हाल ही में, बिहार कांग्रेस के प्रभारी को बदला गया है, और यह बदलाव आगामी 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किया गया प्रतीत होता है। इस बदलाव के बाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कटिहार से सांसद तारिक अनवर ने एक पोस्ट के जरिए पार्टी नेतृत्व को एक अहम संदेश दिया है, जिससे सियासी गलियारों में हलचल मच गई है।
तारिक अनवर का पोस्ट: कांग्रेस आलाकमान को सख्त फैसलों की सलाह
16 फरवरी की रात, सांसद तारिक अनवर ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट किया, जो सीधे तौर पर कांग्रेस के आलाकमान के लिए था। पोस्ट में उन्होंने लिखा, “कांग्रेस पार्टी आलाकमान ने संज्ञान तो लिया, लेकिन उन्हें और सख्त फैसले लेने की जरूरत है।” हालांकि, तारिक अनवर ने इस पोस्ट में किसी विशेष मुद्दे का उल्लेख नहीं किया, लेकिन उनकी बातों को बिहार कांग्रेस के प्रभारी के बदलाव से जोड़कर देखा जा रहा है। पार्टी में इस बदलाव के बाद, वे लगातार पार्टी को चुनावी रणनीतियों के मामले में अलर्ट कर रहे हैं।
पार्टी के रणनीतिक दिशा को लेकर तारिक अनवर का पूर्व में किया गया इशारा
यह पहली बार नहीं है जब तारिक अनवर ने पार्टी को चुनावी रणनीति पर कोई इशारा किया हो। 10 फरवरी को भी उन्होंने एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने कांग्रेस से अपनी राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट करने की अपील की थी। उस पोस्ट में उन्होंने लिखा था, “कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट करने की जरूरत है। उन्हें तय करना होगा कि वे गठबंधन की राजनीति करेंगे या अकेले चलेंगे। साथ ही, पार्टी के संगठन में मूलभूत परिवर्तन करना भी जरूरी हो गया है।” इस पोस्ट से यह साफ है कि तारिक अनवर बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की स्थिति को लेकर चिंतित हैं और वे पार्टी नेतृत्व से और सख्त फैसले लेने की अपेक्षा कर रहे हैं।
कृष्णा अल्लावरू को मिली बिहार की जिम्मेदारी
इस बीच, कांग्रेस ने बिहार चुनाव के मद्देनजर अपना नेतृत्व बदलते हुए, मोहन प्रकाश की जगह कृष्णा अल्लावरू को बिहार कांग्रेस का प्रभारी बना दिया है। कृष्णा अल्लावरू, जो कर्नाटक से आते हैं, उनकी नियुक्ति बिहार में चुनावी रणनीतियों में बदलाव के संकेत देती है। अब यह देखने वाली बात होगी कि कृष्णा अल्लावरू बिहार में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत कर पाते हैं या नहीं।
कांग्रेस की चुनावी रणनीति पर जोर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के इस तरह के पोस्ट से यह साफ है कि पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीर है और किसी भी प्रकार की ढिलाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चुनावी तैयारी और रणनीतियों के साथ-साथ पार्टी संगठन में भी बदलाव जरूरी हो गए हैं। खासकर जब बिहार जैसी महत्वपूर्ण राज्य में कांग्रेस को अपनी राजनीतिक स्थिति फिर से मजबूत करनी है, तब सभी नेताओं का ध्यान और सख्त फैसलों की ओर मुड़ना स्वाभाविक है।