उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। शम्स ने इसे ’70 साल बनाम मोदी कार्यकाल की लड़ाई’ करार दिया और कहा कि जो भी इस विधेयक का विरोध कर रहा है, वह मुसलमान नहीं हो सकता। उनका मानना है कि गरीब मुसलमानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत उम्मीदें हैं, और इसी वजह से इस विधेयक का नाम ‘उम्मीद’ रखा गया है।
शादाब शम्स ने कहा, “विकास के लिए यह समय है और वक्फ संशोधन विधेयक उन गरीब मुसलमानों के लिए उम्मीद की किरण है जो समाज में अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस विधेयक से हम उन मुसलमानों के हक को सुनिश्चित करेंगे जिनका सदियों से शोषण होता आया है।” उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू इस विधेयक के लिए उम्मीद की रोशनी बनकर सामने आए हैं।
उन्होंने इस विधेयक को लेकर विपक्षी दलों पर तंज करते हुए कहा, “यह ’70 साल बनाम मोदी कार्यकाल’ की लड़ाई है। विपक्ष के पास 70 साल थे और उन्होंने जो कर सकते थे किया, लेकिन उन्होंने वक्फ को लूटने का काम किया। अमीरों ने गरीबों के हक लूटे और अब प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने तय किया है कि गरीब मुसलमानों को मुख्यधारा में लाया जाएगा।”
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर शम्स का यह बयान एक अहम राजनीतिक मुद्दे के रूप में सामने आया है, खासकर जब यह विधेयक मुस्लिम समाज की सम्पत्ति और उनके अधिकारों से जुड़ा हुआ है। शम्स के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे मोदी सरकार के इस कदम को मुस्लिम समुदाय के लिए फायदेमंद मानते हैं और इसे समाज के दबे-कुचले वर्ग के लिए एक सकारात्मक कदम मानते हैं।