बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जारी एक हालिया जनमत सर्वे ने राज्य की राजनीति में संभावित बदलाव की ओर इशारा किया है। इस सर्वे में यह स्पष्ट रूप से देखा गया कि जनता के बीच सबसे ज्यादा समर्थन राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव को मिल रहा है। दूसरी ओर, नीतीश कुमार, जो एक लंबे समय से बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभा रहे हैं, अब जन समर्थन के मामले में पीछे होते नजर आ रहे हैं। प्रशांत किशोर, जो हाल ही में अपनी नई पार्टी जन सुराज के साथ राजनीति में सक्रिय हुए हैं, उन्हें भी उल्लेखनीय समर्थन मिला है, लेकिन वह तीसरे स्थान पर हैं।
सर्वे के अनुसार, मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव को सबसे अधिक समर्थन मिला है। लगभग 37% लोगों ने उन्हें अपनी पहली पसंद बताया है। नीतीश कुमार को केवल करीब 18% लोगों ने मुख्यमंत्री पद के लिए उपयुक्त माना है। प्रशांत किशोर को लगभग 16% मतदाताओं ने पसंद किया है, जो यह दर्शाता है कि उनकी नई पार्टी ने सीमित समय में कुछ प्रभाव जरूर बनाया है। इसके अलावा चिराग पासवान और सम्राट चौधरी जैसे अन्य नेताओं को भी कुछ प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिला है, लेकिन वे दौड़ में काफी पीछे हैं।
इस जनमत सर्वे में यह भी सामने आया कि बिहार की मौजूदा सरकार के कामकाज को लेकर बड़ी संख्या में लोग असंतुष्ट हैं। आधे से ज्यादा लोगों ने यह कहा कि वे सरकार से नाराज़ हैं और बदलाव चाहते हैं। लगभग एक चौथाई लोग ऐसे भी हैं जो सरकार से नाराज तो हैं लेकिन किसी विकल्प के पक्ष में निर्णायक नहीं हैं। वहीं, केवल 25% लोग ही सरकार के काम से संतुष्ट नजर आए। ये आंकड़े साफ तौर पर संकेत देते हैं कि राज्य में सत्ता परिवर्तन की संभावनाएं प्रबल हैं।
बिहार के मतदाताओं के लिए सबसे अहम मुद्दा रोजगार बताया गया है। सर्वे में लगभग 45% लोगों ने बेरोजगारी को सबसे गंभीर समस्या माना। इसके बाद महंगाई, सड़क-बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं, भ्रष्टाचार और कृषि जैसे मुद्दे भी प्रमुखता से उभरे हैं। यह स्पष्ट करता है कि विकास और आर्थिक सुधारों को लेकर लोगों की अपेक्षाएं अब भी पूरी नहीं हुई हैं।
राजनीतिक गठबंधनों की बात करें तो एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर है। सर्वे में हालांकि यह बताया गया कि एनडीए को ज्यादा सीटें मिल सकती हैं, लेकिन जब मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की बात आती है, तो तेजस्वी यादव को जनता का स्पष्ट समर्थन मिल रहा है। यह परिदृश्य बताता है कि चुनाव के नतीजे गठबंधन की रणनीतियों और अंतिम उम्मीदवार चयन पर भी निर्भर करेंगे।
कुल मिलाकर, बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जनभावनाओं का झुकाव बदलाव की ओर दिखाई दे रहा है। तेजस्वी यादव फिलहाल मतदाताओं की पहली पसंद के रूप में उभरे हैं, जबकि नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर को जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी। हालांकि, चुनावी राजनीति में समीकरण बहुत तेजी से बदल सकते हैं, इसलिए अंतिम तस्वीर चुनाव नतीजों के बाद ही स्पष्ट होगी।