पंजाब में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) का सदस्यता अभियान अपनी निर्धारित गति से आगे नहीं बढ़ पा रहा है और इस मामले में पार्टी के नेतृत्व को गंभीर चिंताएं सताने लगी हैं। इस दौरान, हरियाणा के भाजपा नेता सक्रिय हो गए हैं और पंजाब में अभियान को गति देने के लिए पार्टी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकातें की हैं। हाल ही में, उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की थी, जिससे यह संकेत मिलता है कि हरियाणा भाजपा पंजाब के सदस्यता अभियान में मदद करने के लिए तैयार है।
पंजाब भाजपा के लिए सदस्यता अभियान की स्थिति
पंजाब में भाजपा का सदस्यता अभियान तय लक्ष्य से काफी पीछे चल रहा है। पार्टी के राज्य नेतृत्व के अनुसार, अब तक पंजाब में लगभग 8 लाख लोग भाजपा का सदस्य बने हैं, जबकि पार्टी का लक्ष्य 30 लाख सदस्य बनाने का था। यह आंकड़ा यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि सदस्यता अभियान उम्मीद के मुताबिक नहीं चल रहा है। अगर सदस्यता अभियान की यही गति रही, तो पार्टी का अपने निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल होगा।
पंजाब में भाजपा ने हर पांच साल में सदस्यता अभियान चलाने की परंपरा बनाई है और वर्तमान अभियान 2 सितंबर 2024 से शुरू हुआ था। इससे पहले, पार्टी के पास राज्य में लगभग 18 लाख सदस्य थे। अब, पार्टी ने 30 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन यह अभियान उम्मीद के मुताबिक नहीं चल पा रहा है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का पंजाब दौरा
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में चंडीगढ़ स्थित पंजाब भाजपा कार्यालय का दौरा किया, जहां उन्होंने पार्टी के सदस्यता अभियान से जुड़े कुछ कार्यकर्ताओं और भाजपा में शामिल होने वाले लोगों से फोन पर बात की। इस दौरे के दौरान, पंजाब भाजपा के पदाधिकारियों को इस मुलाकात की कोई जानकारी नहीं थी। सैनी ने कहा, “मैंने पंजाब में सदस्यता संचालकों, फोन करने वालों और भाजपा की सदस्यता लेने वाले लोगों से चर्चा की। मुझे यह कार्यक्रम अच्छा लगा।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” के दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में भारत ने महत्वपूर्ण प्रगति की है।
मुख्यमंत्री सैनी ने इस बातचीत में पार्टी के सदस्यों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की प्रगति के बारे में भी बात की और बताया कि भाजपा ने अपने संकल्प के तहत कई योजनाओं और कार्यक्रमों के जरिए देश को आगे बढ़ाया है। इसके बावजूद, पंजाब में भाजपा के सदस्यता अभियान में रुकावट बनी हुई है, और इसके कारणों पर गहन विचार किया जा रहा है।
सुनिल जाखड़ की सक्रियता और हरियाणा नेताओं से मुलाकात
पंजाब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने इस मुद्दे को लेकर हरियाणा के नेताओं से सक्रिय बातचीत शुरू कर दी है। हाल ही में, उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से दिल्ली में मुलाकात की थी। इस दौरान, जाखड़ ने पंजाब में सदस्यता अभियान को गति देने के लिए सुझाव दिए और हरियाणा नेताओं से सहयोग की अपील की। उन्होंने बताया कि पंजाब में सदस्यता अभियान को लेकर कई चुनौतियां सामने आ रही हैं, लेकिन हरियाणा भाजपा इस मामले में मदद कर सकती है।
पंजाब भाजपा के नेताओं ने हरियाणा के नेताओं से वादा किया था कि वे जल्द ही पंजाब में सदस्यता अभियान को और गति देंगे, ताकि निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने में मदद मिल सके।
पंजाब में सदस्यता अभियान के पीछे की समस्याएं
पंजाब में भाजपा के सदस्यता अभियान को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इनमें से एक प्रमुख कारण किसान आंदोलन है। 2020 में हुए किसान आंदोलन के दौरान भाजपा को राज्य में जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से राज्य में भाजपा की स्थिति काफी कमजोर हो गई थी और अब भी शंभू और खनौरी सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के कारण लोग भाजपा से दूर हो रहे हैं। किसान आंदोलन के कारण पंजाब में भाजपा के प्रति नकारात्मक भावना बनी हुई है, जिससे पार्टी के सदस्यता अभियान पर असर पड़ा है।
इसके अलावा, पंजाब भाजपा के अध्यक्ष सुनील जाखड़ की निष्क्रियता भी एक महत्वपूर्ण कारण बनकर उभरी है। जाखड़, जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे, ने पिछले लोकसभा चुनावों के बाद से खुद को निष्क्रिय कर लिया था और उन्होंने पार्टी को अपने पद से हटाने की इच्छा व्यक्त की थी। हालांकि, पार्टी अभी तक उन्हें ही राज्य अध्यक्ष बनाए हुए है और उनकी अनुपस्थिति में पार्टी के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जाखड़ की निष्क्रियता ने पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को कमजोर किया है, जिससे सदस्यता अभियान पर भी असर पड़ा है।
दूसरी समस्याएं और चुनावों का असर
सिर्फ किसान आंदोलन और नेतृत्व की समस्या ही नहीं, बल्कि अन्य चुनावों का भी सदस्यता अभियान पर असर पड़ा है। इस दौरान पंचायत चुनाव, विधानसभा उपचुनाव और नगर निगम चुनाव जैसे कई चुनाव हुए, जिससे पार्टी के संगठन को वक्त नहीं मिल सका और अभियान धीमा पड़ा।
इस बार, भाजपा ने सदस्यता अभियान को ऑनलाइन किया है, जबकि पिछली बार यह अभियान मिस्ड कॉल के जरिए चलाया गया था। इस बदलाव के कारण भी अभियान की गति में कमी आई है, क्योंकि ऑनलाइन प्रक्रिया में अधिक समय और प्रयास लगते हैं।
पंजाब में भाजपा का सदस्यता अभियान अभी तक अपेक्षित परिणाम नहीं दे सका है। हालांकि, हरियाणा के भाजपा नेताओं का सक्रियता और पार्टी के प्रयासों से उम्मीद की जा रही है कि अभियान में तेजी आएगी। पार्टी को अपनी रणनीतियों में बदलाव और नेतृत्व की सक्रियता के साथ-साथ किसान आंदोलन जैसे मुद्दों से निपटने की जरूरत है, ताकि सदस्यता अभियान को सफल बनाया जा सके।