Mumbai के मशहूर Lilavati Hospital में आर्थिक घोटाले की जांच के दौरान Black Magic किए जाने का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। अस्पताल के ट्रस्टियों का दावा है कि उन्होंने दफ्तर के फर्श के नीचे खुदाई में आठ कलश पाए हैं, जिनमें मानव कंकाल, खोपड़ियाँ, बाल, चावल और अन्य तांत्रिक सामग्रियाँ मिली हैं। यह रहस्यमयी खोज एक वीडियो में दर्ज की गई है।
यह मामला तब सामने आया जब अस्पताल ट्रस्ट ने अपने पूर्व ट्रस्टियों के खिलाफ 1,250 करोड़ रुपये के गबन का मामला दर्ज कराया। आरोप है कि फर्जी ऑर्डर और रिकॉर्ड के जरिए यह भारी रकम हड़पी गई। इसके बाद Black Magic से जुड़ी शिकायत भी दर्ज कराई गई।
पूर्व ट्रस्टी विजय मेहता और उनके परिवार पर आरोप है कि उन्होंने ट्रस्ट के पैसों का गलत इस्तेमाल किया और अंधविश्वास का सहारा लेकर ट्रस्ट को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की। हालांकि, विजय मेहता के बेटे चेतन मेहता ने इन आरोपों को “निराधार और सनसनी फैलाने की कोशिश” बताया है।
जांच अधिकारियों के अनुसार, यह विवाद 2002 से शुरू हुआ, जब Lilavati Hospital के संस्थापक किशोर मेहता इलाज के लिए विदेश गए थे। इस दौरान उनके भाई विजय मेहता ने ट्रस्ट की कमान संभाली और कथित रूप से फर्जी दस्तावेजों के जरिए खुद और अपने रिश्तेदारों को ट्रस्टी बना लिया।
2016 में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद किशोर मेहता को उनका पद वापस मिला, लेकिन 2024 में उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे प्रशांत मेहता ने वित्तीय ऑडिट करवाया। इस ऑडिट में करोड़ों की हेराफेरी का खुलासा हुआ, जिसके बाद मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
अब पुलिस इस रहस्यमयी काला जादू प्रकरण और आर्थिक घोटाले की गहराई से जांच कर रही है।
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