कानपुर के महाराजपुर थाना क्षेत्र के सिकठिया गांव में 27 जनवरी से लापता 11 साल की बच्ची दिव्यांशी का शव गुरुवार सुबह खेत में खून से लथपथ मिला।इससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। परिवार के सदस्यों को सुबह 8 बजे के आसपास अरहर के खेत में एक ईंट भट्ठे के पास शव मिलने की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे। घटनास्थल पर पुलिस भी पहुंची और शव को पकड़कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
पुलिस और अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे
पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार, एडिशनल सीपी हरीश चन्दर, डीसीपी ईस्ट एसके सिंह और एडीसीपी मनोज कुमार पाण्डेय घटनास्थल पर पहुंचे, क्योंकि मामला अत्यंत महत्वपूर्ण था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि बच्ची की हत्या शव मिलने से आठ से दस घंटे पहले हुई थी, क्योंकि उसके शरीर पर ताजा चोटों के निशान मिले थे।
क्या हुआ था 27 जनवरी को?
27 जनवरी को सिकठिया गांव के रामनरेश की 11 साल की बेटी दिव्यांशी को बकरी चराने दिया गया था। वह तीन बकरियां लेकर शाम को वापस आई, लेकिन चौथी नहीं मिली। जब दिव्यांशी देर रात तक वापस नहीं आई, तो परिवार ने उसे खोजने लगा और बाद में पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। 24 घंटे में पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर तलाश शुरू की। एक किमी दूर एक भट्ठे में दिव्यांशी की गुमशुदा बकरी मिली। पुलिस ने भट्ठे पर काम करने वालों से पूछा, लेकिन बच्ची नहीं मिली। पुलिस ने फिर पूरे गांव और आसपास सर्च ऑपरेशन चलाया।
शव की स्थिति और ताजे जख्म
घटनास्थल से पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने खून के धब्बे और दिव्यांशी की चप्पल भी बरामद की। पुलिस का अनुमान है कि हत्या बुधवार रात को की गई, क्योंकि शव पर कई जगह ताजे जख्म मिले हैं।स्निफर डॉग को भी घटनास्थल पर बुलाया गया, जो 500 मीटर दूर एक बंद स्कूल और ट्यूबवेल तक पहुंचा। डॉग ने फिर खेत में जाकर मृतक की लाश को देखा, जिससे पुलिस को शव की जगह पता चली।
परिवार का बयान और संदिग्धों की पूछताछ
रामनरेश ने कहा कि उसे किसी से कोई घृणा नहीं है और वह नहीं जानता कि किसने उसकी बेटी को अपहरण और मार डाला था। उदयभान और उसके दो दोस्त मुकेश और अजय को शव मिलने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर पूछताछ की है।शव मिलने पर रामनरेश और परिवार के सदस्यों ने गांव में आकर शोर मचाया। महिलाएं, खासकर, क्रोधित होकर उदयभान के घर पहुंचीं। फिर भी, उनके परिवार के अन्य सदस्यों और कुछ करीबी लोगों ने उन्हें शांत कर दिया।
मृतक के परिवार के बारे में
रामनरेश ने कहा कि उनका परिवार बहुत साधारण है। उनकी पत्नी मंजू ने चार बेटियां और एक बेटा पैदा किए हैं। दिव्यांशी उनके साथ रहती थी और बीमारी से कुछ महीने पहले उनकी बड़ी बेटी सोनी मर गई।कानपुर में यह मामला बहुत चिंता का विषय बन गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।