केंद्रीय वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman आज 1 फरवरी 2025 को वजट पेश करने के लिए संसद पहुंच चुकी हैं। वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman क्रीम कलर की साड़ी पहनकर संसद पहुंची है। इस साड़ी पर खास चित्रकारी हो रही है। इसका कनेक्शन बिहार की पद्मश्री से सम्मानित Dulari Devi से है। दरअसल वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने जो साड़ी पहनी हैं, उस पर मिथिला पेंटिंग हो रही है। मिथिला पेंटिंग के लिए देश-विदेश में पद्मश्री दुलारी देवी ने पहचान बनाई हैं। मधुबनी जिले की Dulari Devi मिथिला पेंटिंग की एक जानी-मानी कलाकार हैं।
वित्त मंत्री मिथिला कला संस्थान में क्रेडिट आउटरीच गतिविधि के लिए मधुबनी गईं थीं, तो उनकी मुलाकात Dulari Devi से हुई और बिहार में मधुबनी कला पर उनके साथ सौहार्दपूर्ण विचारों का आदान-प्रदान हुआ। दुलारी देवी ने वित्त मंत्री को एक साड़ी भेंट की और बजट के दिन इसे पहनने के लिए कहा था। इसी साड़ी को पहनकर आज वित्त मंत्री सदन पहुंची हैं। आइए जानते हैं कौन हैं दुलारी देवी, जिनकी साड़ी पहनकर वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman बजट पेश करेंगी.
रांटी गांव की रहने वाली हैं Dulari Devi
Dulari Devi मधुबनी जिले के राजनगर प्रखंड के रांटी गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। लेकिन मिथिला पेंटिंग के प्रति उनकी लगन हमेशा बनी रही। दुलारी देवी की 12 साल की उम्र में शादी हो गई थी। और 16 साल की उम्र ने पति ने उन्हें छोड़ दिया था। इसके बाद भी दुलारी देवी ने अपना हौसला नहीं टूटने दिया।
Dulari Devi ने महासुंदरी देवी और कर्पूरी देवी से सीखी पेंटिंग
मायके आने के बाद उन्होंने पद्मश्री महासुंदरी देवी और कर्पूरी देवी से पेंटिंग सीखी। शुरुआत में कागज-कलम न होने के कारण वह ज़मीन पर लकड़ी से चित्र बनाती थीं। धीरे-धीरे उनकी कला निखरती गई और आज वह एक जानी-मानी कलाकार हैं।
Dulari Devi कहती हैं, ‘ज़िन्दगी का एक ही लक्ष्य है मिथिला पेंटिंग। इसी ने देश-विदेश में पहचान दिलाई। मेरे लिए मिथिला पेंटिंग सिर्फ़ एक कला नहीं, बल्कि जीवन जीने का तरीका है।’ उन्होंने बताया कि उन्होंने कभी पूजा-पाठ नहीं किया, लेकिन मंदिर में सेवा जरूर की। वह कहती हैं, ‘आज तक पूजा नहीं की। मंदिर धोई यानी सेवा की लेकिन पूजा नहीं।’
बाल विवाह, एड्स, भ्रूण हत्या सहित कई विषयों पर बना चुकी हैं पेंटिंग
अपनी पेंटिंग के माध्यम से बाल विवाह, एड्स, भ्रूण हत्या, रामायण, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, मिथिला खान-पान, कमला पूजा जैसे विविध विषयों पर पेंटिंग बनाई हैं। दुलारी देवी कहती हैं, ‘विषय की जानकारी हो तो कोई भी पेंटिंग बना दूंगी।’ उन्होंने अयोध्या और वृंदावन कभी नहीं देखा, फिर भी वहां के चित्र बनाए। वह कहती हैं, ‘अयोध्या-वृंदावन नहीं गई, लेकिन वहां की पेंटिंग बनायी।’
