मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने आधिकारिक जापान दौरे के दौरान उच्च स्तरीय बैठकों में भाग लिया। उन्होंने जापान सरकार के अधिकारियों, व्यापारिक नेताओं और निवेशकों से मुलाकात कर मध्य प्रदेश में निवेश के अवसरों को बढ़ावा दिया।
मुख्यमंत्री यादव ने जापान के प्रसिद्ध सेंसो-जी बौद्ध मंदिर का दौरा भी किया और भारत-जापान के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “जापान का बौद्ध धर्म में बड़ा योगदान है। मेरी इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी यही सपना है कि भारत और जापान साथ मिलकर काम करें, और हम इसे साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”
निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख बैठकें
मुख्यमंत्री यादव की जापान यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण बैठकों का आयोजन किया गया। उन्होंने एण्ड मेडिकल के निदेशक दाइकी अराई से मुलाकात की और उज्जैन में 75 एकड़ में बन रहे मेडिकल डिवाइस एंड फार्मास्युटिकल पार्क का परिचय दिया। उन्होंने निवेशकों को अत्यधिक रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध कराने की जानकारी दी, जिससे मध्य प्रदेश को स्वास्थ्य तकनीक और औषधि निर्माण के लिए एक आकर्षक केंद्र बनाया जा सके।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने केदानरेन के दक्षिण एशिया समिति के अध्यक्ष और ईस्ट जापान रेलवे कंपनी के चेयरमैन यूजी फुकासावा से मुलाकात की। इस बैठक में जापान की विश्व प्रसिद्ध रेलवे तकनीक को मध्य प्रदेश में लागू करने की संभावनाओं पर चर्चा हुई। इसके साथ ही, उन्होंने जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (JETRO) के अध्यक्ष सुजुमु कटाओका के साथ भी बैठक कर जापानी कंपनियों के साथ आर्थिक सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया।
जापानी कंपनियों की मध्य प्रदेश में रुचि
भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री यादव ने टोक्यो की गवर्नर युरिको कोइके से मुलाकात की और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के लिए आमंत्रण दिया, जो 24-25 फरवरी 2025 को भोपाल में आयोजित होगा।
सीएम यादव ने खुद सोशल मीडिया पर लिखा, “मैंने जापान के व्यापारिक नेताओं के साथ मध्य प्रदेश में निवेश को लेकर विस्तृत चर्चा की। जापानी कंपनियां विशेष रूप से इंदौर में अपनी भागीदारी बढ़ा रही हैं, जहां एक नई फैक्ट्री लगाई जा रही है, जो उच्च गुणवत्ता वाले टायर बनाएगी। इससे भारत में एसयूवी वाहनों की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि जापान की 14,000 से अधिक कंपनियां भारत में कार्यरत हैं, और मध्य प्रदेश में उनके लिए बड़े पैमाने पर निवेश के अवसर मौजूद हैं। उन्होंने विशेष रूप से आईटी, मेडिकल डिवाइस, इलेक्ट्रॉनिक ऑटो कंपोनेंट, ऊर्जा और खनन क्षेत्रों में निवेश के लिए योजनाएं साझा कीं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव की जापान यात्रा ने मध्य प्रदेश में निवेश बढ़ाने और भारत-जापान के बीच संबंधों को मजबूत करने के नए रास्ते खोले हैं। उनकी इस पहल से आने वाले वर्षों में जापानी कंपनियों के लिए मध्य प्रदेश एक प्रमुख निवेश केंद्र बन सकता है।
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