पंजाब के अमृतसर में Dr. Ambedkar की मूर्ति तोड़े जाने और संसद के शीतकालीन सत्र में गृह मंत्री Amit Shah द्वारा दिए गए एक बयान के बाद Surjewala का यह नोटिस आया है। गृहमंत्री Amit Shah ने राज्यसभा में कहा था, “अगर वे अंबेडकर का नाम लेने की बजाय भगवान का नाम लेते, तो सात जन्मों के लिए स्वर्ग प्राप्त कर लेते।” Surjewala ने कहा कि Dr. Ambedkar पर Amit Shah की टिप्पणी भारत के वंचित और दलित समुदायों के खिलाफ गहरी मानसिकता को दर्शाती है।
महाराष्ट्र के राज्यपाल C.P Radhakrishnan ने पिछले साल दिसम्बर में गृह मंत्री Amit Shah का समर्थन करते हुए कहा, “मैं अमित शाह के बारे में जानता हूं। अंबेडकर जी के प्रति उनके मन में सबसे ज्यादा सम्मान है। अगर आप हर चीज का राजनीतिकरण करना चाहते हैं, तो वे (विपक्ष) ऐसा कर रहे हैं।” वहीँ दिसम्बर में विपक्ष के नेता Rahul Gandhi के नेतृत्व में INDIA Block के सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था और Babasaheb Ambedkar पर उनकी टिप्पणी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah के इस्तीफे की भी मांग की थी। Rahul Gandhi, Priyanka Gandhi Vadra ,Sanjay Raut , Mahua Manjhi और Ram Gopal Yadav सहित कई सांसदों को गृह मंत्री की टिप्पणी के विरोध में नीले कपडे में देखा गया था।
Surjewala ने अपने नोटिस में यह दावा किया है कि सामाजिक न्याय और समानता के मूल्यों को जानबूझकर कमजोर करने की कोशिशें की जा रही है। Surjewala ने कहा, “संविधान और डॉ. अंबेडकर के प्रति हो रही अपमान की घटनाएं बढ़ रही हैं। इनमें अपमानजनक टिप्पणियां और उनकी मूर्तियों की तोड़फोड़ करना, जिसका उद्देश्य सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देना और संविधान को कमजोर करना है।”
कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि, “इन घटनाओं को रोकने के लिए अथॉरिटीज़ की नाकामी, संवैधानिक नैतिकता को बनाए रखने की प्रतिबद्धता पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि संसद को इन घटनाओं की बढ़ती संख्या पर गहरी चिंतन करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए आवश्यक ठोस उपायों पर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि, “संविधान और Dr. Ambedkar की महिमा को बिना किसी समझौते के बनाए रखना जरूरी है।”
क्या है स्थगन प्रस्ताव, नियम 267 ?
यदि कोई सदस्य नियम 267 के तहत नोटिस देता है, तो वह अनुरोध करता है कि सदन के निर्धारित कार्यों को स्थगित कर दिया जाए और जिस विशेष मुद्दे को उन्होंने उल्लेख किया है, उस पर चर्चा की जाए। नियम 267 के तहत दी गई नोटिस को लागू करने के लिए राज्यसभा के सभापति (Vice President of India) की मंजूरी जरूरी होती है। अगर (Vice President of India) इसे स्वीकार कर लेते हैं, तो उस दिन के तयशुदा कामों को रोककर उस विशेष मुद्दे पर चर्चा कराई जाती है। यह नियम केवल उन्हीं मामलों पर लागू होता है जो राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है और जिन पर तुरंत चर्चा की आवश्यकता होती है।