वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 31 जनवरी, 2025 को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2025 पेश करेंगी, जो आगामी संघीय बजट 2025-26 से एक दिन पहले जारी किया जाएगा। यह दस्तावेज़ भारत की अर्थव्यवस्था के पिछले वर्ष के प्रदर्शन और आगामी वित्तीय वर्ष के लिए प्रमुख आर्थिक संकेतकों का जायज़ा प्रस्तुत करता है। आर्थिक सर्वेक्षण को आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा तैयार किया जाता है और इसका मार्गदर्शन मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी आनंदनाथ नागेस्वरन करते हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण 2025 का विमोचन ऐसे समय में हो रहा है जब भारत की अर्थव्यवस्था चुनौतियों का सामना कर रही है। खासकर, जीडीपी वृद्धि अपेक्षाओं से कम रही है और उपभोक्ता खर्च में मंदी देखी जा रही है। सर्वेक्षण में इस बार कुछ विशेष मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किए जाने की संभावना है, जैसे रोजगार सृजन, मुद्रास्फीति नियंत्रण, वित्तीय स्थिरता, और कृषि, विनिर्माण व सेवा क्षेत्रों की स्थिति। इसके अलावा, सरकार वैश्विक अस्थिरताओं जैसे रूस-यूक्रेन संघर्ष और आपूर्ति श्रृंखला संकट के प्रभावों से निपटने की रणनीति पर भी प्रकाश डाल सकती है।
आर्थिक सर्वेक्षण सरकार की आगामी बजट 2025 की दिशा को समझने में मदद करेगा। यह वित्तीय नीति, राजस्व और व्यय प्रस्तावों, कर सुधारों और अन्य महत्वपूर्ण घोषणाओं का खाका पेश करता है। आर्थिक सर्वेक्षण का उद्देश्य न केवल पिछले साल की आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करना है, बल्कि अगले साल के लिए सरकार की रणनीति और दृष्टिकोण को भी स्पष्ट करना है।