छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लेकर चौंका देने वाला मामला सामने आया है। इस दौरान भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिकंजा कसा है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी छत्तीसगढ़ में 14 जगहों पर छापेमारी कर रहा है। इसकी जानकारी जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने दी। दरअसल, ED की टीम ने सोमवार (10 March) की सुबह चैतन्य बघेर के घर पर छापेमारी की। केंद्रीय जांच एजेंसी ने आज पूरे राज्य में कुल 14 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें पूर्व सीएम के बेटे चैतन्य बघेल के ठिकाने भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि ED ने ये कार्रवाई कथित आर्थिक अनियमितताओं और धन शोधन यानी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में की है।
Chaitanya Baghel पर ED ने कसा शिकंजा
सूत्रों के मुताबिक भिलाई में चैतन्य बघेल और राज्य में कुछ अन्य लोगों के परिसरों की धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत तलाशी ली गई। इस दौरान बघेल के भिलाई स्थित घर पर ED की टीम पहुंची, भिलाई पदुमनगर वाले घर पर 4 इनोवा में ED के अधिकारी पहुंचे। बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के घर भी ED की टीम पहुंची, कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जांच एजेंसी ने खंगाला।
मिली जानकारी के अनुसार जांच एजेंसी ED ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ शराब ‘घोटाले’ के कारण राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हुआ। अपराध से प्राप्त 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में गई। ED ने इस मामले में राज्य सरकार के नौकरशाहों और व्यापारियों सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया था।
The Enforcement Directorate is conducting searches at the residence of former Chhattisgarh Chief Minister and Congress leader Bhupesh Baghel’s son in an ongoing money laundering case. ED is conducting raids at 14 locations in Chhattisgarh in connection with a money laundering…
— ANI (@ANI) March 10, 2025
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में शराब घोटाले से संबंधित 14 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया है। इस तलाशी का संबंध पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जुड़ा हुआ है, जिसमें उनके बेटे चैतन्य बघेल का आवास भी शामिल है। इसके साथ ही चैतन्य बघेल के करीबी सहयोगियों जैसे- लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल के स्थानों पर भी कार्रवाई की गई है।
रिपोर्ट्स के अनुसार ED ने पाया कि चैतन्य बघेल शराब घोटाले से उत्पन्न अपराध की राशि के प्राप्तकर्ताओं में से एक हैं। इस घोटाले से कुल लगभग 2161 करोड़ रुपये की राशि की हेराफेरी की गई है, जो विभिन्न योजनाओं के जरिए अवैध तरीके से निकाली गई।