बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर के बीच संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने प्रचार अभियान की कमान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में सौंप दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक राज्य के तीन प्रमंडलों में विशाल जनसभाओं को संबोधित किया है और आने वाले दिनों में उनकी छह और रैलियां प्रस्तावित हैं।
अब तक प्रधानमंत्री मोदी मधुबनी, बिक्रमगंज और सिवान में चुनावी रैलियां कर चुके हैं। इन जनसभाओं में उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा। भीड़ से मिले समर्थन को देखते हुए बीजेपी ने पीएम मोदी की रैलियों की संख्या और क्षेत्रों का विस्तार करने का फैसला किया है।
सूत्रों के मुताबिक, अगली रैलियां कोसी क्षेत्र, गया और बेगूसराय में होने वाली हैं। इसके अलावा बाकी बचे हुए तीन प्रमंडलों में रैलियों की तारीख और स्थान भी जल्द तय किए जाएंगे। पार्टी का उद्देश्य है कि राज्य के सभी नौ प्रमंडलों में प्रधानमंत्री की मौजूदगी दर्ज कराई जाए, जिससे कार्यकर्ताओं में जोश और जनता में समर्थन को और बढ़ाया जा सके।
बीजेपी ने 15 जुलाई से 15 सितंबर तक बिहार में सघन प्रचार अभियान चलाने की योजना बनाई है। इस दौरान पार्टी राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास करेगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रचार अभियान की रणनीति बूथ स्तर तक पहुंचाई जा रही है, और हर कार्यकर्ता को अपनी भूमिका तय कर दी गई है।
राज्य के नेताओं को खास जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं ताकि कोई भी क्षेत्र छूट न जाए। वहीं एनडीए गठबंधन को मजबूत बनाए रखने के लिए भी बैठकों और आपसी समन्वय पर खास जोर दिया जा रहा है।
कुल मिलाकर, बीजेपी इस बार बिहार चुनाव को लेकर पूरी तरह गंभीर और सक्रिय नजर आ रही है। प्रधानमंत्री मोदी की सक्रियता से साफ है कि पार्टी इस चुनाव को किसी भी हालत में जीतना चाहती है और इसके लिए हर स्तर पर तैयारी कर रही है। अब देखना होगा कि विपक्ष इसका जवाब कैसे देता है।