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Tuesday, June 17, 2025

Elon Musk का बड़ा प्रस्ताव: अमेरिका-यूरोप के बीच ‘0 टैरिफ़’ व्यापार, ट्रंप को भी दी सलाह

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जहां एक ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड वॉर ने दुनिया भर के देशों पर भारी टैरिफ थोप दिए हैं, वहीं दूसरी ओर टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने एक ऐसा प्रस्ताव दिया है जो वैश्विक व्यापारिक समीकरणों को पूरी तरह बदल सकता है। मस्क का सपना है – अमेरिका और यूरोप के बीच पूरी तरह मुक्त व्यापार, यानी ‘0 टैरिफ़ फ्री ट्रेड ज़ोन’।

क्या है मस्क का प्रस्ताव?

एलन मस्क ने इटली की ‘लीग पार्टी’ के नेता माटेओ साल्विनी से बातचीत के दौरान यह विचार साझा किया। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि अमेरिका और यूरोप के बीच ऐसा समझौता हो, जिससे दोनों पक्षों के बीच व्यापारिक लेन-देन पर कोई शुल्क ना लगे।” उनका मानना है कि अगर दोनों क्षेत्रों में काम करने की स्वतंत्रता भी मिले, तो यह वैश्विक व्यापार के लिए एक बड़ा कदम होगा।

मस्क ने यह भी बताया कि उन्होंने यह सलाह व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति ट्रंप को दी है ताकि यूरोप-अमेरिका व्यापार में आ रही रुकावटें दूर हो सकें।

ट्रंप की टैरिफ नीति से चिंता

डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के तहत हाल ही में यूरोपीय देशों पर भारी टैरिफ लगाए गए हैं। इटली समेत कई यूरोपीय देशों के उत्पादों पर इन टैरिफ्स का असर पड़ा है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार प्रभावित हुआ है। ट्रंप का कहना है कि ये टैरिफ अमेरिका की सुरक्षा और व्यापार हितों की रक्षा के लिए ज़रूरी हैं, लेकिन मस्क का तर्क है कि इससे ग्लोबल सप्लाई चेन बाधित होती है और अंततः उपभोक्ताओं को नुकसान होता है।

यूरोपीय राइट-विंग पार्टियों से संबंध

एलन मस्क का रुझान यूरोप की कई राइट-विंग पार्टियों की ओर रहा है। उन्होंने इटली की ‘ब्रदर्स ऑफ इटली’ और माटेओ साल्विनी की ‘लीग पार्टी’ का समर्थन किया है। जर्मनी में भी उन्होंने दक्षिणपंथी पार्टी ‘एएफडी’ के कुछ विचारों की सराहना की थी। हालांकि उनके इन बयानों को लेकर विवाद भी खड़े हुए हैं, लेकिन मस्क का फोकस स्पष्ट है – वैश्विक व्यापार में रुकावटों को हटाना और अमेरिका-यूरोप को एक कारोबारी मंच पर लाना।

क्या होगा असर?

यदि मस्क की 0 टैरिफ वाली नीति पर अमल होता है, तो यह अमेरिका और यूरोप के बीच एक ‘नया आर्थिक गठबंधन’ बन सकता है। इससे दोनों पक्षों को व्यापार, निवेश और रोजगार के नए अवसर मिल सकते हैं। हालांकि, यह सब राजनीतिक इच्छाशक्ति और आपसी सहमति पर निर्भर करेगा।

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