यूट्यूब पर इन दिनों एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि गूगल के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इंजीनियर महीने में केवल कुछ दिन ही काम करते हैं, लेकिन उन्हें पूरे महीने की सैलरी मिलती है।
इस वीडियो ने आम जनता के बीच गूगल जैसी दिग्गज टेक कंपनी की कार्य-संस्कृति और कर्मचारियों की जिम्मेदारी को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या वाकई गूगल जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में ऐसा संभव है? आइए, तथ्यों के आधार पर इस दावे की पड़ताल करते हैं।
वीडियो में क्या दावा किया गया है?
वीडियो में एक व्यक्ति यह कहते हुए नजर आता है कि गूगल के AI इंजीनियर केवल कुछ दिन ऑफिस आते हैं, बाकी समय घर पर रहते हैं, फिर भी उन्हें पूरे महीने की सैलरी मिलती है। वीडियो में यह भी इशारा किया गया है कि गूगल के कर्मचारी काम के प्रति गंभीर नहीं हैं और कंपनी की लापरवाही के कारण उन्हें बिना मेहनत के भारी वेतन मिल जाता है।
गूगल की कार्य-संस्कृति: सच्चाई क्या है?
1. कार्य-प्रणाली और ऑफिस पॉलिसी
गूगल विश्व की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक है, जिसकी कार्य-संस्कृति को दुनियाभर में सराहा जाता है। कोविड-19 महामारी के दौरान भले ही वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा मिला हो, लेकिन 2023-24 के बाद गूगल ने अपनी ऑफिस पॉलिसी में बदलाव किए हैं। अब गूगल के अधिकांश विभागों, खासकर AI, क्लाउड और इंजीनियरिंग टीमों के लिए हफ्ते में कम-से-कम तीन दिन ऑफिस आना अनिवार्य है।
2. परफॉर्मेंस रिव्यू और KPI
गूगल में हर कर्मचारी का परफॉर्मेंस सख्त मानकों के आधार पर आंका जाता है। यहां Key Performance Indicators (KPI) और नियमित परफॉर्मेंस रिव्यू होते हैं। यदि कोई कर्मचारी लगातार काम नहीं करता या टारगेट पूरे नहीं करता, तो उसे चेतावनी दी जाती है, प्रमोशन रोक दिया जाता है या नौकरी से भी निकाला जा सकता है।
3. AI इंजीनियर का काम क्या होता है?
AI इंजीनियर का काम सिर्फ कोडिंग तक सीमित नहीं है। उन्हें नए एल्गोरिद्म, मशीन लर्निंग मॉडल, रिसर्च, डेटा एनालिसिस, टीम मीटिंग्स, और लगातार सीखने की जिम्मेदारी होती है। कई बार उनका काम प्रोजेक्ट बेस्ड होता है, जिसमें डेडलाइन के अनुसार काम करना पड़ता है। कई बार वे घर से भी काम करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे काम नहीं कर रहे।
वायरल वीडियो के दावे की पड़ताल
1. क्या गूगल के इंजीनियर महीने में सिर्फ कुछ दिन काम करते हैं?
यह दावा पूरी तरह भ्रामक है। गूगल के किसी भी कर्मचारी को बिना काम के वेतन नहीं मिलता। उनकी उपस्थिति, कार्य-प्रगति, और प्रोजेक्ट डिलीवरी पर सख्त नजर रखी जाती है।
2. क्या गूगल में ‘फ्री सैलरी’ का कल्चर है?
गूगल में ‘फ्री सैलरी’ जैसी कोई संस्कृति नहीं है। हां, कुछ खास मामलों में जैसे कि ‘गार्डन लीव’ (Garden Leave), जब कोई कर्मचारी कंपनी छोड़ता है और उसे नॉन-कम्पीट क्लॉज के तहत कुछ महीनों तक सैलरी दी जाती है, लेकिन उसे किसी और कंपनी में काम करने की अनुमति नहीं होती। यह नीति केवल चुनिंदा वरिष्ठ या महत्वपूर्ण कर्मचारियों पर लागू होती है, न कि आम इंजीनियरों पर।
3. क्या गूगल के कर्मचारी काम के प्रति लापरवाह हैं?
गूगल जैसी कंपनी में काम करना अत्यंत प्रतिस्पर्धी और चुनौतीपूर्ण है। यहां हर कर्मचारी से उच्च स्तर की जिम्मेदारी और नवाचार की उम्मीद की जाती है। यहां लापरवाही की कोई जगह नहीं है।
एक्सपर्ट्स की राय
टेक इंडस्ट्री के विशेषज्ञों ने Business Headline Hindi से बात-चीत के दौरान बताया कि ऐसी अफवाहें और वीडियो अक्सर सनसनी फैलाने के लिए बनाए जाते हैं। गूगल जैसी कंपनियों में कर्मचारियों की भर्ती, ट्रेनिंग, और परफॉर्मेंस मैनेजमेंट के लिए अत्याधुनिक सिस्टम हैं। किसी भी कर्मचारी को बिना काम के वेतन देना कंपनी के लिए घाटे का सौदा है, जो गूगल जैसी प्रोफेशनल कंपनी कभी नहीं करेगी।